छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षा बलों ने गुरुवार दोपहर एक मुठभेड़ में केंद्रीय समिति के सदस्य मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण समेत 10 माओवादियों को मार गिराया। सुरक्षा बल सुरक्षित हैं और यह पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं कि मुठभेड़ में कोई और माओवादी घायल हुआ है या मारा गया है।
मुठभेड़ दोपहर में माटल इलाके के जंगलों में हुई। यह अभियान बुधवार रात को शुरू किया गया था, जिसमें बालकृष्ण और दूसरे हथियारबंद माओवादियों के इलाके में छिपे होने की जानकारी मिली थी।
इस जानकारी के बाद गरियाबंद जिले की विशेष एंटी-नक्सल फोर्स "Elite 30", स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और CRPF की स्पेशल यूनिट "कोबरा" की ज्वाइंट टीम ऑपरेशन पर निकली।
पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने बताया, "मुठभेड़ दोपहर से शुरू हुई। माओवादियों ने हमारी टीम पर अचानक गोलियां बरसाईं, जिसके बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। गोलीबारी शाम तक जारी रही। मुठभेड़ खत्म होने के बाद तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें शव बरामद हुए। उनकी पहचान की जा रही है। मौके से हथियार, जिनमें ऑटोमैटिक गन भी शामिल हैं, जब्त किए गए हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि सभी जवान सुरक्षित हैं, लेकिन सतर्कता बरती जा रही है, क्योंकि माओवादी अक्सर ऑपरेशन से लौटते समय जवानों को निशाना बनाने के लिए IED बम का इस्तेमाल करते हैं।
एक अधिकारी ने ऑपरेशन की मुश्किलों के बारे में बताया, "मुठभेड़ का इलाका घने जंगलों और पहाड़ी भूभाग में है, जहां पहुंचना बेहद मुश्किल है। ऑपरेशन के दौरान पिछली रात तेज बारिश हो रही थी। जंगल में लिपटी बेलें और छोटे-छोटे नाले होने की वजह से अभियान और भी चुनौतीपूर्ण हो गया था।"
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि इस मुठभेड़ में 10 माओवादी मारे गए हैं, जिनमें बालकृष्ण भी शामिल है। सीसी (CC) माओवादियों की दूसरी सबसे बड़ी कमिटी होती है, जो पोलितब्यूरो से ठीक नीचे आती है। बालकृष्ण का ताल्लुक अविभाजित आंध्र प्रदेश से था और वह कई दशक पहले नक्सल आंदोलन से जुड़ा था।