केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि E20 पेट्रोल रोलआउट कार्यक्रम को लेकर उनके खिलाफ एक "पेड राजनीतिक अभियान" चलाया गया था, जो अब झूठा साबित हो गया है। गडकरी ने कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि वे पुरानी गाड़ियों को हटाकर नई कार खरीदने वाले ग्राहकों के लिए भी GST राहत पर विचार करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के कदम से उपभोक्ताओं और ऑटो उद्योग दोनों को लाभ होगा।
उनकी यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की ओर से E20 फ्यूल रोलआउट प्रोग्राम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने के तुरंत बाद आई।
गडकरी ने कहा, "सभी परीक्षण एजेंसियों ने पुष्टि की है कि रोलआउट में कोई समस्या नहीं है।" उन्होंने CNBC की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए क्लीन फ्यूल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
गुरुवार, 11 सितंबर को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 65वें वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए बायोफ्यूल से चलने वाली गाड़ियों के इस्तेमाल में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने पुरानी गाड़ियां बेचकर नई गाड़ियां खरीदने वाले उपभोक्ताओं को छूट देने की भी अपील किया।
जब उनसे पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने को लेकर चिंता के बारे में पूछा गया, तो मंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल निर्माता और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) ने पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने पर अपने निष्कर्ष बताए हैं।
उन्होंने कहा, "जैसे आपकी इंडस्ट्री काम करती है, वैसे ही राजनीति भी। सोशल मीडिया कैंपेन पैसे से चलाया गया था। इसका मकसद मुझ पर राजनीतिक दबाव डालना था। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। सब साफ है। (इथेनॉल मिलाना) आयात कम करने वाला, सस्ता, प्रदूषण मुक्त, और देशी तरीका है।"
गडकरी ने कहा कि भारत फॉसिल फ्यूल के आयात पर बहुत पैसा खर्च करता है। उन्होंने, "पूछा कि क्या यह अच्छा कदम नहीं कि फॉसिल फ्यूल का इंपोर्ट कम किया जाए और उससे बचा हुआ पैसा भारतीय अर्थव्यवस्था में लगाया जाए।"
उन्होंने कहा, "हम मक्का से इथेनॉल बनाते हैं। इस कदम से किसानों को 45,000 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।"