'चिदंबरम ने सबूत मांगकर पाकिस्तान को क्लीनचिट दी': कांग्रेस नेता पर बरसे गृह मंत्री अमित शाह
Operation Sindoor Debate: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि पूर्व गृह एवं मंत्री पी चिदंबरम ने पहलगाम के हमलावरों के पाकिस्तान से आने के सबूत मांगकर पूरी दुनिया के सामने पड़ोसी देश को क्लीनचिट दे दी है। शाह ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कल इस देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे
Operation Sindoor Debate: अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह सवाल तब उठाया जब संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा होने वाली थी
ParliamentOperation Sindoor Debate: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (29 जुलाई) को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के अस्तित्व के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने पहलगाम के हमलावरों के पाकिस्तान से आने के सबूत मांगकर पूरी दुनिया के सामने पड़ोसी देश को क्लीनचिट दे दी है। शाह ने लोकसभा में 'ऑपरेशनसिंदूर' पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कल इस देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह सवाल तब उठाया जब संसद में 'ऑपरेशनसिंदूर' पर चर्चा होने वाली थी।
अमित शाह ने कहा, ‘‘वे किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान को बचाकर क्या मिलेगा? चिदंबरम साहब को संदेश देना चाहता हूं कि हमारे पास प्रमाण हैं। ऐसा बोलकर चिदंबरम यह सवाल भी खड़ा कर रहे हैं कि पाकिस्तान पर हमला क्यों किया। यह पाकिस्तान को बचाने का षड्यंत्र है।’’ उन्होंने सोमवार को जम्मू कश्मीर में 'ऑपरेशनमहादेव' के तहत तीन आतंकवादियों के मारे जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे पास प्रमाण हैं कि तीनों पाकिस्तान से आए थे और उन्होंने ही पहलगाम हमले को अंजाम दिया था।
शाह ने कहा, "तीन में से दो की मतदाता संख्या भी हमारे पास है। उनकी राइफल भी हमारे पास हैं। जो चॉकलेट उनके ठिकाने से मिलीं, वे भी पाकिस्तान की बनी हैं। ये कहते हैं कि पाकिस्तानी नहीं थे। इसका मतलब पूरी दुनिया के सामने पूर्व गृह मंत्री पाकिस्तान को क्लीनचिट दे रहे हैं।"
'पाकिस्तान कांग्रेस की भूल है'
चिदंबरम ने एक न्यूजपोर्टल के साथ एक इंटरव्यू में कहा था, "घटना में शामिल आतंकवादी स्थानीय हो सकते हैं, हम क्यों मानें कि वे पाकिस्तान से आए थे।" शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान यह आरोप भी लगाया कि पाकिस्तान के कब्ज वाले कश्मीर (पीओके) का अस्तित्व पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलालनेहरू के कारण है और पाकिस्तान कांग्रेस की भूल है।
गृह मंत्री ने कहा, "1948 में जब कश्मीर में हमारी सेनाएं निर्णायक पड़ाव पर थीं तो सरदार वल्लभभाई पटेल ना बोलते रहे, लेकिन जवाहरलालनेहरू ने एकतरफा संघर्ष विराम कर दिया।’" उन्होंने कहा, ‘‘मैं इतिहास का विद्यार्थी रहा हूं और दावे के साथ कह सकता हूं कि आज पीओके का अस्तित्व है तो जवाहर लाल नेहरू के कारण है।’’
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में 1960 में सिंधु जल पर समझौता कर 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया गया। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में पूरे देश ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का समर्थन किया था जब पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए गए। शाह ने कहा कि यह बहुत बड़ी विजय थी और हम सभी को इस पर गर्व है।
इंदिरा गांधी पर भी साधा निशाना
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन इस विजय की चकाचौंध में 93 हजार युद्धबंदियों को छोड़ दिया गया जो पाकिस्तान की सेना का 42 प्रतिशत हिस्सा थे। हमारे कब्जे में 15 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र था, वह जमीन भी वापस दे दी। शिमला में समझौता हुआ तो पीओके मांगना ही भूल गए। उस समय मांग लेते तो न रहता बांस, न बजती बांसुरी। आज हमें ये आतंकी ढांचे तबाह नहीं करने पड़ते।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनके साथ बैठे विपक्षी दलों के नेताओं को आतंकवाद के मुद्दे पर बोलने का अधिकार नहीं है। शाह ने दावा किया कि 1962 के युद्ध में 30 हजार वर्ग किलोमीटर अक्साई चिन का हिस्सा चीन को दे दिया गया। शाह ने आरोप लगाया कि जवाहरलालनेहरू से लेकर राहुल गांधी तक गांधी परिवार के सदस्यों का चीन प्रेम साफ नजर आता है।
पोटा कानून रद्द करने पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आतंकवाद के खिलाफ पोटा कानून लाई थी। लेकिन कांग्रेस ने उसका विरोध किया और 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में इस कानून को रद्द कर दिया गया। शाह ने कहा, "पोटा कानून रोककर ये किसे बचाना चाहते थे? अपने वोट बैंक का उल्लू सीधा करने के लिए आतंकवादियों को बचाना चाहते थे।"
उन्होंने UPA सरकार के दौरान देश में हुए अनेक आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि 2005 से 2011 के बीच 27 जघन्य आतंकी हमले किए गए और करीब 1000 लोग मारे गए। शाह ने कहा, "तब आपने (कांग्रेस ने) क्या किया? मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि बताएं कि उनकी सरकार ने इन हमलों के खिलाफ क्या किया। आज ये हमसे सवाल पूछ रहे हैं कि हमने क्या किया।"
शाह ने कहा कि 2014 से लेकर अब तक जो भी आतंकी हमले हुए, सब कश्मीर केंद्रित हुए और सब पाक प्रायोजित थे। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में पिछले 11 साल में एक भी आतंकवादी हमला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है।
विपक्षी सांसदों को लिया आड़े हाथ
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्यों ने सवाल किया कि पहलगाम हमलों के आतंकी कहां भाग गए। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने तो उन आतंकवादियों और उनके आकाओं को मार गिराया, लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में 1986 में दाऊद इब्राहिम कास्कर से लेकर बाद के सालों में कई आतंकवादी देश छोड़कर भाग गए।
उन्होंने 2004 से 2014 के बीच UPA की सरकार में और पिछले 10 साल में मोदी सरकार में कश्मीर घाटी की स्थिति में बदलाव का दावा करते हुए कहा कि आतंकी हमलों में अत्यधिक कमी आई है। नागरिकों की मृत्यु में 80 प्रतिशत कमी आई है। वहीं आतंकियों की मृत्यु के मामले 123 प्रतिशत बढ़े हैं।
शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 ने कश्मीर में आतंकवादी इकोसिस्टम को नष्ट कर दिया है जिसे कांग्रेस ने इतने साल तक बचाकर रखा था। उन्होंने कहा कि पहले आतंकियों के जनाजों में हजारों लोग जुटते थे। लेकिन अब मोदी सरकार में जनाजे निकालने की और आतंकियों के महिमामंडन की इजाजत नहीं है, उन्हें वहीं दफना दिया जाता है।
शाह ने दावा किया कि पिछले तीन साल में जम्मू कश्मीर में पथराव की, पथराव में लोगों के हताहत होने की और घाटी में हड़ताल की घटनाएं शून्य हो गई हैं। शाह ने कहा कि इस सरकार ने सर्जिकलस्ट्राइक और एयरस्ट्राइक की जो पीओके में थीं, जिसे हम अपना ही हिस्सा मानते हैं। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में सौ किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह कर दिया गया।