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चाहे सीएम रहे हों या अब पीएम, आतंकियों के फन कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते पीएम मोदी!

पहलगाम हमले का बदला चौदह दिनों में ले लिया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। इससे पहले उड़ी और पुलवामा में हुए आतंकी हमले का भी बदला दो हफ्ते के अंदर लिया था मोदी ने। हर बदला, पहले के मुकाबले काफी बड़ा, काफी सख्त, असरदार। दरअसल मोदी के लिए ये नया नहीं है, गुजरात के सीएम रहते हुए ही उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को फ्रंट से लड़ने की शुरुआत कर दी थी, आतंकियों के फन कुचलने का फैसला किया था, जीरो टोलरेंस की पॉलिसी के साथ।

Brajesh Kumar Singhअपडेटेड May 07, 2025 पर 3:28 PM
चाहे सीएम रहे हों या अब पीएम, आतंकियों के फन कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते पीएम मोदी!
प्रधानमंत्री मोदी ने खुद फ्रंट से इस ऑपरेशन को लीड किया। प्लानिंग से लेकर ऑपरेशन को अंतिम अंजाम तक पहुंचाने तक, हर कदम पर उन्होंने मजबूती से कदम उठाए

ऑपरेशन सिंदूर के तहत जिस तरह से पाकिस्तान में टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त किया गया है, वो अपने आप में ऐतिहासिक है। लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के पाकिस्तान स्थित मुख्यालयों को ही ध्वस्त नहीं किया गया, बल्कि हिजबुल मुजाहिदीन के भी सबसे प्रमुख आतंकी ट्रेनिंग सेंटर को ध्वस्त किया गया है। जिन नौ ठिकानों को भारत ने ध्वस्त किया, उनमें से कुछ पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू- कश्मीर में हैं, तो कुछ पाकिस्तान के बड़े शहरों या उनके बगल में। मसलन हाफिज मोहम्मद सईद जिस मुरिदके के मरकज तईबा से लश्कर ए तैयबा चलाता है, उसको ध्वस्त किया गया, तो जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का जो मुख्यालय बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह के तौर पर जाना जाता है, उसे भी ध्वस्त किया गया।

इसी तरह उन सात और ठिकानों को तबाह किया गया, जो या तो जैश, लश्कर या फिर हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग सेंटर रहे हैं या फिर लांच पैड, जहां से जम्मू- कश्मीर सहित भारत के अन्य हिस्सों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए आतंकी भेजे जाते हैं पाकिस्तान की सरपरस्ती में।

इन सबको ध्वस्त करके मोदी की अगुआई वाले भारत ने साफ संकेत दे दिया है, जो भी भारत में आतंकी हमले करेगा, या फिर उसको शह देगा, उसका मास्टरमाइंड होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा, जहां भी होगा, मार गिराया जाएगा। ध्यान रहे कि बहावलपुर भारत- पाकिस्तान नियंत्रण रेखा से सौ किलोमीटर दूर है, वहां मौजूद जैश के मुख्यालय को ध्वस्त करने में भी नहीं हिचका मोदी की अगुआई वाला भारत।

मोदी ने जिस तरह से पहलगाम हमला होने के बाद अपना विदेश दौरा बीच में ही छोड़कर स्वदेश वापसी की और अपने पहले सार्वजनिक संदेश में ही कह दिया कि पहलगाम के गुनहगारों को, जहां भी हों, बख्शा नहीं जाएगा, उससे साफ हो गया था कि आतंकियों और उनके आकाओं की ही नहीं, बल्कि उनके पनाहगाह पाकिस्तान की खैर नहीं।

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