पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ रोका गया है। आने वाले दिनों में भारत पाकिस्तान के रवैये को देखेगा और उसके हिसाब से कदम उठाएगा। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 12 मई को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कही। पीएम मोदी 'ऑपरेशन सिंदूर' और उसके बाद भारत और पाकिस्तान में हुए संघर्ष के बाद पहली बार देश को संबोधित कर रहे थे।
पीएम ने साफ और कड़े शब्दों में कह दिया है कि भारत अब आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने अपने संबोधन में अन्य बातों के साथ-साथ यह भी कहा, 'मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। हम सतर्क हैं और आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वह क्या रवैया अपनाता है।
ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान के हमले और भारत की ओर से दिए गए मुंहतोड़ जवाब पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत के ड्रोन्स और मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिन पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले 3 दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।
सीजफायर पर पीएम मोदी ने कहा, 'भारत की आक्रमक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा और बुरी तरह पिटने के बाद 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया।' यह भी कहा, 'तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हम खंडहर बना चुके थे।... पाकिस्तान की ओर से जब गुहार लगाई कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा तो भारत ने भी उस पर विचार किया।'
'यह युग युद्ध का नहीं, लेकिन आतंकवाद का भी नहीं'
पीएम मोदी ने कहा कि निश्चित तौर पर यह युग युद्ध का नहीं है, लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है। टेररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, एक बेहतर दुनिया की गारंटी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार जिस तरह आतंकवाद को खाद पानी दे रहे हैं, वह एक दिन पाकिस्तान को ही खत्म कर देगा। पाकिस्तान को अगर इससे बचना है तो उसे टेरर का खात्मा करना ही होगा। पाकिस्तान को अपने आतंकी ढांचे को नष्ट करना होगा, शांति का कोई और रास्ता नहीं है।