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Pahalgam Attack: बैसरन हमले में आतंकियों की मदद करने वाला एक शख्स गिरफ्तार, जम्मू कश्मीर पुलिस को मिली बहुत बड़ी कामयाबी

जुलाई में ऑपरेशन महादेव के दौरान बरामद हथियारों और उपकरणों के फोरेंसिक विश्लेषण के बाद कटारिया को गिरफ्तार किया गया है। इस ऑपरेशन के तहत सुरक्षा बलों ने पहलगाम के पास एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में 26 लोगों की हत्या करने वाले तीन बंदूकधारियों को ढूंढ निकाला और उन्हें मार गिराया था

अपडेटेड Sep 24, 2025 पर 6:56 PM
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Pahalgam Attack: बैसरन हमले में आतंकियों की मदद करने वाला एक शख्स गिरफ्तार (FILE PHOTO)

जम्मू-कश्मीर पुलिस को 22 अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल हुई। पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की मदद की थी। इस आदमी ने आतंकियों को लॉजिस्टिकल सपोर्ट दी थी। इस शख्स की पहचान मोहम्मद कटारिया के रूप में हुई है और ये घाटी में लश्कर का ऑपरेटिव है।

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में ऑपरेशन महादेव के दौरान बरामद हथियारों और उपकरणों के फोरेंसिक विश्लेषण के बाद कटारिया को गिरफ्तार किया गया है। इस ऑपरेशन के तहत सुरक्षा बलों ने पहलगाम के पास एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में 26 लोगों की हत्या करने वाले तीन बंदूकधारियों को ढूंढ निकाला और उन्हें मार गिराया था।

सूत्रों ने बताया कि कटारिया को अदालत में पेश किया जाएगा और न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।


ऑपरेशन महादेव के बाद से सुरक्षा बलों के लिए यह पहला बड़ा कदम है, जो ये बताता है कि पहलगाम हमले के जिम्मेदार लोगों का पता लगाने पर सरकार लगातार ध्यान बनाए हुए है।

पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

ऑपरेशन महादेव 22 मई से शुरू होकर हफ्तों तक चला, जब सुरक्षा बलों को श्रीनगर के पास दाचीगाम में छिपे आतंकवादियों की खुफिया जानकारी मिली। हफ्तों तक निगरानी के बाद - जिस दौरान सेना ने चीन में बने डिवाइस पर एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन को इंटरसेप्ट किया, 28 जुलाई को हमला शुरू हुआ।

ऑपरेशन महादेव को कैसे अंजाम दिया गया?

आतंकियों ने T82 कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल किया, जिससे भारतीय सुरक्षा बलों ने उनकी लोकेशन पता लगा ली। सुबह 8 बजे उन्हें लोकेट करने के लिए ड्रोन उड़ाया गया। 9:30 बजे राष्ट्रीय राइफल्स (जो जम्मू-कश्मीर में सेना की आतंक विरोधी यूनिट है) और स्पेशल फोर्स कमांडो मौके पर पहुंच गए। आधे घंटे के भीतर दूसरी बार विजुअल कंफर्मेशन भी हो गया।

सुबह 11 बजे गोलीबारी शुरू हुई। 11:45 बजे एक घायल आतंकी भागने की कोशिश में मारा गया। 12:45 बजे तक तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया और उनके शवों की पहचान भी कर ली गई। इनमें सुलैमान शाह उर्फ हाशिम मूसा भी था, जिस पर पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड होने का आरोप है।

सूत्रों के अनुसार, शाह पहले पाकिस्तान आर्मी की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का कमांडो था। बाद में उसने UN की तरफ से घोषित आतंकी हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को जॉइन कर आतंकी गतिविधियों में हिस्सा लिया।

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