Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार (21 जुलाई) से शुरू हो रहा है। विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला करने की तैयारी कर रहा है। इस सत्र में प्रमुख मुद्दों में हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर के दावों और बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन शामिल हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहलगाम हमले, ट्रंप के सीजफायर के दावों और बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सहित विभिन्न मुद्दों पर संसद के मानसून सत्र के दौरान चर्चा का जवाब देना चाहिए। पीएम मोदी सुबह 10 बजे मीडिया से बात करेंगे।
सरकार ने रविवार (20 जुलाई) को संकेत दिया कि वह संसद के आगामी मनसून सत्र में विपक्ष की प्रमुख मांगों में से एक 'ऑपरेशन सिंदूर' सहित सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। वहीं, विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA गठबंधन) ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी को इस मामले के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति के पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम के दावों और बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर भी जवाब देना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री द्वारा संसद में इन मुद्दों पर खुद जवाब देने की संभावना बहुत कम है। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जोर देकर कहा कि जब भी भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर चर्चा होगी, सरकार उचित जवाब देगी।
रक्षा मंत्री दे सकते हैं जवाब
सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर एक विस्तृत बयान दिए जाने की संभावना है। सिंह ने शुक्रवार शाम को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ दो प्रमुख बैठकें कीं। NDA सहित कई नेता ऑपरेशन सिंदूर पर विभिन्न संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से सरकार की विदेश पहुंच की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए चर्चा भी चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार संसद में अपना विचार रखने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी मैदान में उतार सकती है।
किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्होंने विपक्ष और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटकों को धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि आगामी सत्र बहुत लाभदायक होगा। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के 54 नेताओं और निर्दलीय संसद सदस्यों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ये राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे हैं। सरकार इससे पीछे नहीं हट रही है और न ही कभी हटेगी, बल्कि नियमों और परंपराओं के दायरे में चर्चा के लिए तैयार है।" उन्होंने कहा कि सरकार नियम और परंपरा को महत्व देती है। बैठक में उठाए गए मुद्दों को दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति में उठाया जाएगा, जहां अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा, "हमने सभी बिंदुओं पर गौर किया है। हमने सभी दलों से अनुरोध किया है कि वे संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने दें। समन्वय सुनिश्चित करना होगा। संसद की सुचारु कार्यवाही सभी की जिम्मेदारी है।" उन्होंने ने कहा कि सरकार ने कम सांसदों वाले दलों को संसद में बोलने के लिए अधिक समय आवंटित करने की मांग पर गौर किया है।
विपक्ष द्वारा पहलगाम हमले सहित अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग को लेकर किरेन रिजिजू ने कहा, "मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा के अलावा संसद में ही रहते हैं। प्रधानमंत्री हमेशा संसद में रहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री हर समय सदन में नहीं रहते।" उन्होंने कहा, "जब भी संसद चलती है, कैबिनेट मंत्री अपने विभागों से संबंधित मुद्दों पर जवाब देने के लिए उपस्थित रहते हैं।" किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार 17 प्रमुख विधेयक ला रही है, जिनका डिटेल्स जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी दल भी चाहते हैं कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडलों के दौरे के बाद सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा होनी चाहिए।कांग्रेस नेता ने कहा कि SIR और निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाए गए हैं और जवाब न देने से चुनाव प्रक्रिया तथा भविष्य के चुनावों की निष्पक्षता पर संदेह पैदा होगा। उन्होंने कहा कि संसद में सरकार का रुख स्पष्ट करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य है।
कांग्रेस ने सशस्त्र बलों के कई अधिकारियों द्वारा चीन और पाकिस्तान द्वारा दोतरफा हमले का मुद्दा उठाए जाने का भी ज़िक्र किया। उन्होंने इस पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि रक्षा और विदेश नीति तथा रक्षा बजट आवंटन पर चर्चा जरूरी है और प्रधानमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए।