Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार (1 दिसंबर) को राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस के साथ शुरू हुआ। यह जुबानी जंग केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और कांग्रेस के नेता विपक्ष (LoP) मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच पूर्व उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर हुई। दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को उपराष्ट्रपति और उच्च सदन के चेयरमैन सीपीराधाकृष्णन को आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी सदन में कार्यवाही के सुचारू संचालन में पूरा सहयोग देगी।
साथ ही खड़गे ने सभापति से दोनों पक्षों के साथ न्याय करने की अपेक्षा भी जताई। राज्यसभा में राधाकृष्णन को सभापति के रूप में उनके पहले सत्र के पहले दिन बधाई देते हुए खड़गे ने उनके पूर्ववर्ती उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का भी उल्लेख किया, जिस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया। विपक्षी दलों की ओर से सभापति का स्वागत करते हुए खड़गे ने कहा कि कांग्रेस संवैधानिक मूल्यों और सदन की प्रतिष्ठित परंपराओं के साथ दृढ़ता से खड़ी है। कार्यवाही के संचालन में पूर्ण सहयोग देगी।
उन्होंने कहा, "सदन की कार्यवाही का निष्पक्ष संचालन तथा सभी दलों के सदस्यों को समान अवसर प्रदान करना इस पद की विश्वसनीयता के लिए आवश्यक है।" खड़गे ने धनखड़ का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि मुझे आपके पूर्ववर्ती के अचानक और अप्रत्याशित रूप से पद छोड़ने का उल्लेख करना पड़ रहा है…। मुझे निराशा है कि सदन को उन्हें विदाई देने का अवसर नहीं मिला। खड़गे ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आपको बुरा नहीं लगेगा कि मुझे आपके पहले वाले के राज्यसभा के चेयरमैन के ऑफिस से पूरी तरह से अचानक जाने का ज़िक्र करना पड़ रहा है... मुझे दुख हुआ कि सदन को उन्हें विदाई देने का मौका नहीं मिला। फिर भी, पूरे विपक्ष की ओर से मैं उनके स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।"
खड़गे की इस बात पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया। सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि अगर अप्रासंगिक बातें की जाएंगी तो विपक्ष को यह भी याद होना चाहिए कि उसने पूर्व उप राष्ट्रपति को कैसे अपमानित किया था। साथ ही उनके खिलाफ दो-दो बार अविश्वास प्रस्ताव भी विपक्ष ही लाया था। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस गंभीर अवसर पर धनखड़ के इस्तीफे का उल्लेख करने को लेकर विपक्ष के नेता की आलोचना की। रीजीजू ने कहा कि माननीय नेता प्रतिपक्ष ने ऐसी बात क्यों उठाई जिसकी इस समय कोई आवश्यकता नहीं थी।
खड़गे ने सभापति से अपेक्षा जताई कि वह सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच संतुलन बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा, "यदि आप दोनों पक्षों के बीच संतुलन रखेंगे तो बेहतर रहेगा। मैं आपको सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं देता हूं।" इस पर रिजिजू ने कहा, "मैं बस हाउस को याद दिलाना चाहता हूं कि आप भूल गए हैं कि आपने पूर्व वाइस प्रेसिडेंट और पूर्व चेयरमैन का अपमान करने के लिए किस भाषा का इस्तेमाल किया था। आपने पूर्व चेयरमैन के बारे में जो बुरे शब्द इस्तेमाल किए थे।"
उन्होंने आगे कहा, "आपने जो रिमूवल मोशन दिया था, उसकी एक कॉपी अभी भी हमारे पास है। आपने पूर्व वाइस प्रेसिडेंट के खिलाफ जिस भाषा का इस्तेमाल किया था। आपने रिमूवल नोटिस में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया था, जरा सोचिए आपने चेयर की गरिमा को कितना खराब किया है। इस खास मौके पर, मेरी अपील है, कृपया ऐसी किसी भी चीज का जिक्र न करें जो इस खास मौके पर जरूरी न हो।"