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Vande Mataram Debate: लोकसभा में आज PM मोदी करेंगे 'वन्दे मातरम्' पर ऐतिहासिक बहस की शुरुआत

Vande Mataram Debate: 'वन्दे मातरम्' लंबे समय से राजनीतिक विवाद का केंद्र रहा है। हाल के हफ्तों में, PM मोदी ने कांग्रेस के 1937 के उस फैसले की आलोचना की है, जिसमें गीत के केवल पहले दो छंदों को ही गाने का निर्णय लिया गया था। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि छंदों को छोड़ने के निर्णय ने 'विभाजन के बीज बोए'

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Dec 08, 2025 पर 10:35 AM
Vande Mataram Debate: लोकसभा में आज PM मोदी करेंगे 'वन्दे मातरम्' पर ऐतिहासिक बहस की शुरुआत
PM मोदी ने पिछले महीने औपचारिक रूप से इसका शुभारंभ किया था

Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर होने वाली विशेष बहस की शुरुआत करेंगे। यह चर्चा 10 घंटे तक चलने की उम्मीद है। इस बहस का उद्देश्य राष्ट्रीय गीत के कम ज्ञात ऐतिहासिक पहलुओं, और साहित्यिक कृति से लेकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा बनने तक के सफर पर प्रकाश डालना है। यह बहस 'वन्दे मातरम्' के राष्ट्रव्यापी वर्ष भर चलने वाले समारोह का हिस्सा है। PM मोदी ने पिछले महीने औपचारिक रूप से इसका शुभारंभ किया था, जिसका मुख्य फोकस युवाओं को गीत के सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व से अवगत कराना है।

'वन्दे मातरम्' बना था पहला राजनीतिक नारा

वन्दे मातरम्, बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया था और पहली बार 7 नवंबर, 1875 को 'बंगदर्शन' में प्रकाशित हुआ था। इस गीत का गहरा राष्ट्रवादी इतिहास है। इसे पहली बार 1905 में बंगाल के विभाजन विरोधी आंदोलन के दौरान एक राजनीतिक नारे के रूप में इस्तेमाल किया गया था, और यह स्वदेशी आंदोलन तथा देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया था। स्वतंत्रता के बाद, संविधान सभा ने 24 जनवरी, 1950 को इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया।

बहस में कौन-कौन लेंगे हिस्सा?

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