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Dixon Tech share price : डिक्सन टेक की बढ़ सकती है मुश्किल, वीवो के साथ JV को मंजूरी में दिक्कत संभव

Dixon Tech share price : बता दें कि 6000 करोड़ रुपए के संदिग्ध फ्रॉड के मामले में वीवो,ऑप्पो और शाओमी की जांच चल रही है। चीन की वीवो के मामले में 2000 करोड़ रुपए के फ्रॉड का मामला है। डिक्सन और वीवो को अभी JV पर मंजूरी नहीं मिली है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 08, 2025 पर 12:51 PM
Dixon Tech share price : डिक्सन टेक की बढ़ सकती है मुश्किल, वीवो के साथ JV को मंजूरी में दिक्कत संभव
मनीकंट्रोल को मिली जानकारी के मुताबिक SFIO वीवो के खिलाफ चार्जशीट फाइल करने वाला है। इस महीने के अंत तक फंड हेराफेरी के मामले में चार्जशीट संभव है

Dixon Tech share price : EMS सेक्टर में कंपनियों की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। केन्स, PGEL के बाद अब चर्चा में डिक्सन में है। दरअसल डिक्सन और चीन की मोबाइल कंपनी वीवो के ज्वाइंट वेंचर को मंजूरी मिलने में दिक्कत आ सकती है। इसको लेकर मॉर्गन स्टैनली ने भी एक नोट जारी किया है। डिक्सन पर मॉर्गन स्टैनली के इस नोट में कहा गया है कि JV को मंजूरी में देरी हुई तो डिक्सन की मुश्किल बढ़ेगी। इस देरी से 2027 के लिए डिक्सन के ग्रोथ अनुमान पर असर संभव है। ज्वाइंट वेंचर में 1.8 से दो करोड़ मोबाइल यूनिट बनने हैं। डिस्कन ने पहली तिमाही में करीब एक तिहाई मोबाइल फोन इसी JV से बनने का गाइडेंस दिया था।

Dixon-Vivo JV को मंजूरी में दिक्कत संभव

मनीकंट्रोल को मिली जानकारी के मुताबिक SFIO (Serious Fraud Investigation Office) वीवो के खिलाफ चार्जशीट फाइल करने वाला है। इस महीने के अंत तक फंड हेराफेरी के मामले में चार्जशीट संभव है। बता दें कि 6000 करोड़ रुपए के संदिग्ध फ्रॉड के मामले में वीवो,ऑप्पो और शाओमी की जांच चल रही है। चीन की वीवो के मामले में 2000 करोड़ रुपए के फ्रॉड का मामला है। डिक्सन और वीवो को अभी JV पर मंजूरी नहीं मिली है। कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय से प्रेस नोट-3 (PN3) मंजूरी नहीं मिली है। चीन की कंपनी के निवेश के चलते PN3 मंजूरी जरूरी है। ज्वाइंट वेंचर में डिक्सन की 51 फीसदी और वीवो की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।

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