Appointment of CIC: केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में मुख्य सूचना आयुक्त और आठ सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों की नियुक्ति होनी है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक केंद्रीय सूचना आयोग में लंबित नियुक्तियों पर विचार करने के लिए आयोजित की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का दबाव के बाद हुई बैठक
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब सुप्रीम कोर्ट CIC और राज्य सूचना आयोगों (SICs) में खाली पदों को भरने में हो रही देरी को लेकर लगातार सख्ती दिखा रहा है। केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली यह समिति 10 दिसंबर को CIC और सूचना आयुक्तों के पदों के लिए नामों का चयन और सिफारिश करने के लिए बैठक करेगी।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की खंडपीठ याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें CIC और SIC में खाली पदों को तुरंत भरने की मांग की गई थी। केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने न्यायालय को इस बैठक की पुष्टि की, जिसके बाद न्यायालय ने सुनवाई स्थगित कर दी।
कैसे होती है CIC की नियुक्ति?
सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम की धारा 12(3) के तहत, मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के नामों के चयन और सिफारिश के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया जाता है। इस चयन समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं, और इसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं।
खाली पदों के कारण केसों का अंबार
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने न्यायालय को बताया कि सरकार द्वारा खाली पदों को नहीं भरने के कारण आयोगों के समक्ष मामलों का अंबार लग रहा है। भूषण ने कहा कि कुछ राज्यों ने केवल दो या तीन नियुक्तियां करके यह तर्क दिया है कि उन्हें सभी पदों को भरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनके पास लंबित मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त सदस्य हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्यायालय ने पहले भी कम से कम सात आदेशों में केंद्र को CIC और SIC में खाली पदों को तेजी से भरने का निर्देश दिया है।