Parliament Winter Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष को एक कड़ा संदेश दिया। उन्होंने विपक्ष से 'हार की निराशा' से ऊपर उठकर राष्ट्रीय प्रगति में जिम्मेदारी से योगदान देने का आग्रह किया। 18वीं लोकसभा के छठे और राज्यसभा के 269वें सत्र के आरंभ से पहले संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक तमाशे का मंच नहीं, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का मंच बनना चाहिए।
PM मोदी ने कहा, 'यह शीतकालीन सत्र सिर्फ कोई रस्म नहीं है। यह सत्र उन प्रयासों को ऊर्जा देगा जो हम राष्ट्र को तेजी से प्रगति की ओर ले जाने के लिए कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि, 'संसद का आचरण यही दर्शाना चाहिए कि वह देश के लिए क्या करना चाहती है। उन्होंने कहा कि दुनिया हमारे लोकतंत्र और हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत होते हुए बहुत करीब से देख रही है।
बिहार चुनाव के नतीजों पर विपक्ष को लिया आड़े हाथ
हाल ही में बिहार में हुए चुनावों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'बिहार में हुए चुनाव और जो मतदान हुआ, वह हमारे लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है। माताओं और बहनों की बढ़ती भागीदारी एक नई उम्मीद पैदा करती है।' उन्होंने कहा कि इस बढ़ते विश्वास का संसद के अंदर जिम्मेदार व्यवहार से मेल खाना चाहिए। PM मोदी ने सीधे विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे 'पराजय से परेशान हैं,' और विफलता तथा हार को पचा नहीं पा रहे हैं। हार को व्यवधान पैदा करने का आधार नहीं बनाना चाहिए। न ही जीत को अहंकार में बदलना चाहिए।'
प्रधानमंत्री ने सभी दलों से संसद के उद्देश्य को पहचानने और हार की निराशा से बाहर आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ विपक्षी दलों के बयान सुने हैं, जो चुनावी नतीजों को स्वीकार करने में उनकी अक्षमता का संकेत देते हैं।
PM मोदी ने ससंद में प्रदर्शन की योजना बना रहे दलों पर चुटकी लेते हुए कहा, 'नाटक के लिए बहुत जगह है, जो लोग प्रदर्शन करना चाहते हैं, वे करते रहें। लेकिन महत्वपूर्ण है परिणाम देना। अगर आप पहले से ही हारकर आए हैं, तो आप पहले ही बोल चुके हैं। जहां आपको हार का सामना करना है, वहां जाकर बोलिए।'
आज सुबह 11 बजे से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई प्रमुख विधेयक पेश करेंगी, जिनमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025, स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025, और मणिपुर GST (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल हैं। सरकार ने इस सत्र के दौरान विचार के लिए कुल 13 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं।