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75 वर्ष के हुए PM मोदी- एक यादगार सफर

दिल्ली में 2014 में सत्ता मिली तो तीन चुनाव लगातार जीत लिए। लगातार राज करने के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। अभी पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू का 17 साल प्रधानमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बाकी है। इसलिए पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी जनता के बीच काम करते रहने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। और पार्टी को भरोसा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में 2029 में भी जनता का भरोसा जीतेंगे

Amitabh Sinhaअपडेटेड Sep 16, 2025 पर 1:32 PM
75 वर्ष के हुए PM मोदी- एक यादगार सफर
PM Modi Birthday: 75 वर्ष के हुए PM मोदी- एक यादगार सफर

एक गरीब घर में जन्मे, अल्पायु में ही घर छोड़ा- बैरागी की तरह घूमे- देश को करीब से देखा- बतौर प्रचारक RSS में काम करते रहे- फिर बीजेपी से होती हुई यात्रा 2001 में चुनावी मैदान तक पहुंची-अब ये यात्रा ऐसे मुकाम तक आ पहुंची है, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज होती जा रही है। पीएम मोदी का ये अनवरत सफर एक ऐसा स्वर्णिम अध्याय है, जो देश की दशा और दिशा दोनों बदल चुका है। कोरोना काल से ही देश की गरीब 80 करोड़ से ज्यादा जनता को मुफ्त का राशन मोदी सरकार दे रही है। समाज के हर तबके के लिए जीविका का इंतजाम मोदी सरकार कर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति ने मिसाल कायम की है। दुनिया भर में बसे भारतवासियों को यकीन है कि संकट में पड़े. तो मोदी उन्हें बाहर निकाल लेगा। दुनिया भर की महाशक्तियों को ये समझ में आ गया है 2014 से देश को नई राह पर ले जाती इस शख्सियत को डरा कर काबू में नहीं किया जा सकता।

दिल्ली में 2014 में सत्ता मिली तो तीन चुनाव लगातार जीत लिए। लगातार राज करने के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। अभी पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू का 17 साल प्रधानमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बाकी है। इसलिए पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी जनता के बीच काम करते रहने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। और पार्टी को भरोसा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में 2029 में भी जनता का भरोसा जीतेंगे।

75 साल के PM: यादें बेमिसाल

17 सितंबर 2025 को पीएम  मोदी 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं। ये एक ऐसी हिट डायमंड जुबली है जिसकी चमक आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनी रहेगी। एक पत्रकार के तौर पर मैंने दिल्ली में उनकी महासचिव के तौर पर नियुक्ति से लेकर अब तक के उनके सार्वजनिक जीवन को बहुत करीब से देखा है। मैंने देखा है कि कैसे बदलते वक्त के साथ उन्होंने अपने आप को ढाला है। सार्वजनिक जीवन में अपने व्यक्तित्व की ऐसी छाप छोड़ी कि उनकी ईमानदारी और देशहित के लिए हमेशा जुटे रहने की लोग मिसाल देते हैं। लेकिन इस डायमंड जुबली में पीएम मोदी को एक ही बात खल रही होगी कि इस बार भी जन्मदिन की सुबह आशीर्वाद देने के लिए उनकी मां नहीं होंगी। दरअसल उनके तीसरे कार्यकाल यानी 2024 में शपथ लेने के बाद पहला जन्मदिन था जब उन्हें उनकी मां का आशीर्वाद नहीं मिल पाया था। इस दर्द को उन्होंने अपने जन्मदिन के दिन ही ओडिशा की एक जनसभा में जनता के साथ बांटा था।

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