केंद्र में बीजेपी-NDA सरकार के 11 साल पूरे होने के अवसर पर पीएम मोदी गुजरात में थे। एक के बाद एक ताबड़तोड़ रोड शो भी किए और आदिवासी इलाक- दाहोद, डांग से लेकर वडोदरा और अहमदाबाद में रैलियां भी कीं। एक बात जो राजनीतिक पंडितों को भी दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर रही थी, वो है लोगों का उमड़ा हुजूम जो हर बार की तरह इस बार भी उनके साथ चलने और उनके साथ दिखने को लालायित था। गुजरात की इसी जनता का भरोसा था, जिसने बतौर CM नरेंद्र मोदी को गुजरात को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया। अपने व्यस्त कार्यक्रम की वजह से भले ही पीएम मोदी अब बार-बार गुजरात नहीं जा पाते हों, लेकिन जश्न के हर मौके पर गुजरात जाना नहीं भूलते। ये गुजरात की जनता का ही कर्ज है, जिसने PM मोदी को पहले दिल्ली के सिंहासन तक पहुंचाया और अब पूरा देश साथ है, जब वे विश्व गुरु बनने की राह पर चल पड़े हैं।
अपने दो दिन के दौरे में PM मोदी ने वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद में मिले जनता के अपार स्नेह के बाद कहा कि इन दो दिनों मे वे जहां-जहां गए, ऐसा लग रहा था मानों देशभक्ति का जवाब सिंदुरिया सागर की गर्जना और लहराता तिरंगा, मातृभूमि के लिए अपार प्रेम नजर आ रहा था। पीएम ने कहा कि ये एक ऐसा नजारा था, जो सिर्फ गुजरात में नहीं बल्कि हिंदुस्तान के कोने-कोने में है। उन्होने कहा कि शरीर कितना भी स्वस्थ हो, लेकिन एक कांटा भी चुभता है, तो पूरा शरीर परेशान रहता है। अब हमने तय कर लिया है कि उस कांटे को निकाल के रहेंगे। ये संदेश सिर्फ देश की जनता के लिए नहीं था, बल्कि पाकिस्तान और दुनिया भर में उसके समर्थक देशों के लिए था। पीएम जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर ने पूरे देश को एकजुट कर दिया है।
PM बनने की 11वीं सालगिरह पर 2 दिन गुजरात में बिताए
अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि गुजरात में मिल रहा जनसमर्थन PM मोदी को भावुक कर गया। पीएम ने वहां मौजुद जनता से कहा कि इस मिट्टी ने मुझे बड़ा किया। यहां आप सब के बीच रह कर मैं सीख पाया, जो मंत्र आपने मुझे दिया, जो सपने आपने मुझमें संजोए, वो देशवासियों के काम आए ये सोच रहा हूं। पीएम ने वहां मौजूद गुजरात के मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट सदस्यों से कहा कि 2035 में जब गुजरात के 75 साल होंगे, जिसके लिए अभी से एक 10 साल का प्लान बनाना चाहिए। हर क्षेत्र में क्या होगा इसका एक संकल्प लेना होगा।
पीएम मोदी ने लोगों को याद दिलाते हुए कहा कि जब गुजरात को महाराष्ट्र से अलग एक राज्य बनाया गया था, तो देशभर में चर्चा होती थी कि महाराष्ट्र से अलग होकर गुजरात क्या कर पाएगा। क्योंकि राज्य में न पानी, न खेती, न उद्योग, ऐसे में राज्य के ये व्यापारी लोग क्या करेंगे। एक राज्य जिसके पास नमक से ज्यादा कुछ नहीं था, वो आज हीरे के लिए जाना जाता है। कहां नमक-कहां हीरे—कितनी यात्रा हमने तय की है। ये काम बड़े योजनाबद्ध तरीके से की है। एक जमाना था, जब सब साइलेज में रहते थे। हमने बतौर सीएम इसे तोड़ा है। यहीं पर पीएम ने अपने एक और सपने को जनता के साथ साझा किया। देश चाहता है कि एक ओलंपिक भारत में हो। जब गुजरात के 75 साल हो जाएं, तो ये काम हम बखूबी कर पाएं। भारत ने 2036 के ओलंपिक के आयोजन के लिए दावेदारी पेश कर चुका है।
24 साल पहले गुजरात और फिर दिल्ली की सत्ता में रहने के बाद भी जनता के बीच PM मोदी का वही क्रेज बरकरार
पूरे देश ने पहले वडोदरा में देखा, फिर दाहोद में देखा, भुज में भी वही नजारे थे। अगले दिन सुबह अहमदाबाद में भी पीएम मोदी के रोडशो में ऐसा लग रहा था, मानों पूरा शहर उमड़ पड़ा हो। ये गुजरात के मोदी समर्थकों के लिए नया अनुभव नहीं था। जब पहली बार पीएम मोदी चुनावी जंग में 2001 में राजकोट-2 की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे, तब भी उनके लिए सड़क पर इतनी ही भीड़ उमड़ पड़ी थी। तब गुजरात की जनता को तब एक उम्मीद थी कि ये चेहरे उन्हें भूकंप के बाद ऊंचाईयों तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। पीएम मोदी ने गुजरात की जनता को निराश नहीं किया। वहीं 5 करोड़ गुजरात की जनता को सशक्तिकरण देते हुए, कब वो 140 करोड़ के रोल मॉडल बन गए ये जताता है कि एक विजनरी के हाथ में जनता ने देश की कमान सौंपी है, जो फ्रंट से लीड कर रहा है।
दुनिया को संदेश कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है
एक बात जिसका बार-बार पीएम मोदी जिक्र कर रहे हैं। वो है भारत का दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना। पीएम ने माना की अब दबाव बढ़ रहा है कि भारत तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था कैसे बने। बातों-बातों में जनता के बीच चल रहा एक नारा सुना दिया। उन्होंने कहा कि अब नारा आ गया है कि मोदी है, तो मुमकिन है। हमारा लक्ष्य है 2047 जब हिंदुस्तान विकसित होना ही चाहिए। नो कंप्रोमाइज। पीएम मोदी ने ऐलान कर दिया कि आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे की दुनिया में विकसित भारत का झंडा लहराएगा।
आसान नहीं है जनता की अंकाक्षाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरना, लेकिन पीएम मोदी ने साल दर साल जनता का भरोसा बढ़ाया ही है। पीएम नरेंद्र मोदी के मुताबिक सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के नारे के सहारे चलते रहे, तो सब संभव है।