17 मार्च को हुई नागपुर हिंसा के संबंध में दर्ज FIR में फहीम शमीम खान की पहचान उस व्यक्ति के रूप में की गई है, जिसने नागपुर दंगों से कुछ घंटे पहले कम से कम दो अलग-अलग जगहों पर दर्जनों लोगों को इकट्ठा किया था। उसे मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया और वे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में रहेगा। गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज दूसरी FIR के अनुसार, खान ने कथित तौर पर लगभग 500 लोगों की भीड़ को उकसाया, जिसके कारण बड़े पैमाने पर झड़पें, तोड़फोड़ और स्थानीय पुलिस पर हमले हुए।
FIR के अनुसार, बजरंग दल और VHP के सदस्यों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर उसका प्रतीकात्मक पुतला जलाया। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए फहीम खान के नेतृत्व में लगभग 60 लोगों का एक गुट पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा हुआ।
फहीम खान अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी के लोकल नेता है। उसने 2024 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में भी लड़ा था।
फहीम शमीम खान ने 2024 का लोकसभा चुनाव नागपुर से माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था। उसके चुनावी हलफनामे में बताया गया है कि उसने 10वीं तक पढ़ाई की है और अब अपना बिजनेस करता है।
चुनावी हलफनामे के अनुसार, खान ने केवल 75,000 रुपए की संपत्ति घोषित की और कोई देनदारी या सालाना आय नहीं बताई। हालांकि, हलफनामे से यह भी पता चला कि खान के खिलाफ तीन आपराधिक मामले चल रहे हैं, हालांकि, उनमें से कोई भी गंभीर श्रेणी में नहीं आता। खान को चुनाव में 1,073 वोट मिले।
FIR से पता चलता है कि खान ने भीड़ को इकट्ठा करने और उसका नेतृत्व करने में अहम भूमिका निभाई थी। यह बवाल तब शुरू हुआ, जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों ने गांधी गेट के पास विरोध प्रदर्शन किया, औरंगजेब की कब्र के खिलाफ नारे लगाए और एक प्रतीकात्मक पुतला जलाया।