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Right to Disconnect Bill: वर्किंग आवर्स के बाद ऑफिस के डिजिटल बर्नआउट से मिलेगा छुटकारा! जानिए 'राइट टू डिसकनेक्ट बिल- 2025' के प्रमुख प्रावधान

Right to Disconnect Bill: यह विधेयक ऐसे समय में आया है जब रिमोट वर्क और डिजिटल संचार ने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बीच की रेखाओं को मिटा दिया है, जिससे तनाव, नींद की कमी और 'टेलीप्रेशर' के मामले बढ़ रहे हैं

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Dec 09, 2025 पर 11:25 AM
Right to Disconnect Bill: वर्किंग आवर्स के बाद ऑफिस के डिजिटल बर्नआउट से मिलेगा छुटकारा! जानिए 'राइट टू डिसकनेक्ट बिल- 2025' के प्रमुख प्रावधान
'राइट टू डिसकनेक्ट बिल, 2025' का उद्देश्य काम और निजी जीवन के बीच स्पष्ट सीमाएं स्थापित करना है

Right to Disconnect Bill 2025: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने 6 दिसंबर, 2025 को लोकसभा में 'राइट टू डिसकनेक्ट बिल, 2025' पेश किया। इस बिल का उद्देश्य कर्मचारियों को 'डिजिटल बर्नआउट' से बचाना है। यह विधेयक कर्मचारियों को पनिशमेंट के डर के बिना, कार्यालय समय के बाद या छुट्टियों पर काम से संबंधित कॉल, ईमेल और मैसेजों का जवाब देने से इनकार करने का कानूनी अधिकार प्रदान करने की मांग करता है।

यह विधेयक ऐसे समय में आया है जब रिमोट वर्क और डिजिटल संचार ने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बीच की रेखाओं को मिटा दिया है, जिससे तनाव, नींद की कमी और 'टेलीप्रेशर' के मामले बढ़ रहे हैं। आइए आपको बताते हैं इस बिल में क्या है प्रमुख प्रावधान।

विधेयक के मुख्य प्रावधान और उद्देश्य

'राइट टू डिसकनेक्ट बिल, 2025' का उद्देश्य काम और निजी जीवन के बीच स्पष्ट सीमाएं स्थापित करना है।

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