Putin India Visit News Updates: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार (5 दिसंबर) को कहा कि रूस भारत को लगातार एनर्जी सप्लाई देता रहेगा। नई दिल्ली में 23वें भारत-रूस सालाना समिट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि रूस भारत की तेजी से बढ़ती एनर्जी डिमांड को पूरा करने के लिए कमिटेड है। उन्होंने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए हम बिना रोक-टोक के तेल सप्लाई करते रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे देश धीरे-धीरे नेशनल करेंसी में आपसी सेटलमेंट की ओर बढ़ रहे हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "रूस भारत के लिए तेल, गैस और कोयले जैसी एनर्जी का एक भरोसेमंद सप्लायर है। हम तेजr से बढ़ती भारतीय इकॉनमी के लिए फ्यूल की बिना रुकावट शिपमेंट जारी रखने के लिए तैयार हैं।"
भारत और रूस ने अमेरिकी टैरिफ और प्रतिबंध लगाने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए शुक्रवार को आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक पंचवर्षीय योजना पर सहमति बनायी है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि यूक्रेन में युद्ध को बातचीत के जरिए समाप्त किया जाना चाहिए। शिखर वार्ता के बाद पीएम मोदी और पुतिन ने एकजुट होकर दोनों देशों के बीच आठ दशक से अधिक पुरानी साझेदारी को नई गति प्रदान करने की अपनी इच्छा जाहिर की।
दोनों देशों ने 2030 के आर्थिक कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के अलावा, स्वास्थ्य, गतिशीलता और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। पीएम मोदी ने द्विपक्षीय शिखर वार्ता के बाद अपने बयान में कहा, "गत आठ दशकों में दुनिया ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है। इसके बावजूद भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह अडिग रही है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए तैयार खाके का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत-रूस आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना अब दोनों पक्षों की साझा प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA)को जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। दोनों शासनाध्यक्षों के बीच बातचीत के दौरान यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। PM मोदी ने कहा कि भारत ने उस देश में शांति की वकालत की है।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खतरे पर कहा कि भारत और रूस लंबे समय से इस खतरे के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा, "चाहे पहलगाम में आतंकवादी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर कायरतापूर्ण हमला - इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है।" PM मोदी ने कहा, "भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ वैश्विक एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।"
PM मोदी ने कहा कि दुर्लभ खनिज क्षेत्र में भारत-रूस सहयोग पूरी दुनिया में सुरक्षित और विविध आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि दोनों पक्षों ने सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, व्यापार और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि हम वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं।