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संभल की शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष को पुलिस ने हिरासत में लिया, भीड़ को भड़काने का आरोप, भाई ने जताया गिरफ्तारी का शक

पुलिस के अनुसार, अली को ही सबसे पहले सर्वे की जानकारी मिली थी। 19 नवंबर को उन्हें कथित तौर पर सर्वे के बारे में पहले से बता दिया गया था, जिसके बाद भीड़ जमा हो गई, जिससे रुकावट पैदा हुई। इसी तरह, 24 नवंबर को भी उन्हें सबसे पहले बताया गया और तब भी एक बड़ी भीड़ जुटाई गई, जिसके कारण आखिरकार हिंसा हुई

अपडेटेड Mar 23, 2025 पर 6:04 PM
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संभल की शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष को पुलिस ने हिरासत में लिया, भाई ने जताया गिरफ्तारी का शक

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने रविवार को शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली को हिरासत में ले लिया। अली को पिछले साल अदालत के आदेश पर हुए सर्वे के खिलाफ हुई हिंसा के सिलसिले में हिरासत में लिया गया। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। पुलिस के अनुसार, अली को ही सबसे पहले सर्वे की जानकारी मिली थी। 19 नवंबर को उन्हें कथित तौर पर सर्वे के बारे में पहले से बता दिया गया था, जिसके बाद भीड़ जमा हो गई, जिससे रुकावट पैदा हुई।

इसी तरह, 24 नवंबर को भी उन्हें सबसे पहले बताया गया और तब भी एक बड़ी भीड़ जुटाई गई, जिसके कारण आखिरकार हिंसा हुई। बाद में अली को भारी सुरक्षा के बीच मेडिकल जांच के लिए चंदौसी लाया गया।


आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए जामा मस्जिद सदर चीफ ने कहा कि वह हिंसा में शामिल नहीं थे। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार उन्होंने कहा, "मैंने कोई हिंसा नहीं भड़काई..."

अली के भाई एडवोकेट मोहम्मद ताहिर ने दावा किया था कि SIT उनके भाई को गिरफ्तार करेगी। इस बीच, उनके समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया।

इसके अलावा, कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने इलाके में कड़ी चौकसी बरती है। यहां मुगलकालीन मस्जिद एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई है, क्योंकि एक याचिका में दावा किया गया है कि यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर का स्थल था।

संभल सांसद मुख्य आरोपी

उनकी गिरफ्तारी उसी मामले में हुई, जिसमें संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क को भी आरोपी बनाया गया है। नवंबर 2024 में दर्ज FIR के अनुसार, बर्क ने कथित तौर पर राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए भीड़ को उकसाया था।

मुगलकालीन मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण को लेकर हिंसा भड़कने के लगभग 24 घंटे बाद, पुलिस ने सात प्राथमिकी दर्ज कीं, जिनमें बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल को आरोपी बनाया गया।

मुगलकालीन मस्जिद के अदालती आदेश के सर्वे को लेकर हिंसा भड़कने के लगभग 24 घंटे बाद, पुलिस ने सात FIR दर्ज कीं, जिनमें बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल को आरोपी बनाया गया।

संभल जामा मस्जिद पर क्या है विवाद?

यह विवाद इस दावे पर पैदा हुआ कि शहर की शाही जामा मस्जिद ऐतिहासिक हरिहर मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाई गई थी, जिसके बारे में कई लोगों का मानना ​​है कि यह उसी जगह पर था। पिछले साल 24 नवंबर को मस्जिद का अदालत की तरफ से सर्वे करने का आदेश दिया गया था।

पिछले साल 24 नवंबर को कोर्ट ऑर्डर के बाद सर्वे के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से संभल में तनाव बना हुआ है।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और सर्वे के दौरान पुलिस पर पत्थरबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

सर्वे टीम सुबह-सुबह घटनास्थल पर पहुंची और अपना काम शुरू किया, तभी स्थानीय लोग बाहर इकट्ठा हो गए, जिससे इलाके में हिंसा फैल गई।

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First Published: Mar 23, 2025 5:43 PM

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