Delhi News Updates: आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार में लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री रहे सत्येंद्र जैन की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मामला दर्ज किया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद मंगलवार को FIR दर्ज की गई। सत्येंद्र जैन पर 7 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है।
वर्मा ने एक बयान में कहा, "जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली भर में सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के क्षतिपूर्ति जुर्माने को मनमाने ढंग से माफ कर दिया। यह छूट कथित तौर पर सात करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के बाद दी गई।"
वर्मा ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि कई शिकायतों से पता चला है कि परियोजना का क्रियान्वयन घटिया तरीके से किया गया तथा कई कैमरे सौंपे जाने के समय काम नहीं कर रहे थे। कथित तौर पर रिश्वत उन ठेकेदारों के जरिए पहुंचाई गई जिन्हें इन अतिरिक्त कॉन्ट्रैक्ट से फायदा हुआ।
ACB अधिकारियों का दावा है कि परियोजना को खराब तरीके से क्रियान्वित किया गया था। इसमें कई कैमरे हैंडओवर के समय खराब थे। रिश्वतखोरी को समायोजित करने के लिए कथित तौर पर भुगतान बढ़ा-चढ़ाकर किया गया था।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के एक अधिकारी से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है। उसने आरोपों की पुष्टि की है। जबकि एसीबी आगे के सबूतों के लिए पीडब्ल्यूडी और बीईएल के दस्तावेजों की जांच कर रही है।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत सत्येंद्र जैन पर मुकदमा चलाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी थी। बाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसकी इजाजत दे दी।
दिल्ली में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने इन लेटेस्ट दावों को लेकर AAP पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सत्ता में रहते हुए पार्टी "मामले को दबाने" का प्रयास कर रही थी। सचदेवा ने कहा, "केजरीवाल सरकार ने 2017-18 में एक निजी कम्पनी "बी.इ.एल." को सी.सी.टी.वी. लगाने का 571 करोड़ रूपए का ठेका दिया था, जिसमें विलंब को लेकर कम्पनी पर 16 करोड़ रूपए का जुर्माना 2019 में लगाया गया जिसे कुछ ही दिन बाद सत्येन्द्र जैन ने 7 करोड़ लेकर माफ कर दिया था।"
उन्होंने आगे कहा, "एसीबी ने 2023 में सत्येन्द्र जैन पर BEL से 7 करोड़ रूपये रिश्वत मामले की जांच पूरी कर ली थी पर केजरीवाल सरकार की लीपापोती के चलते FIR नहीं हो पा रही थी। अंततः अब FIR हुई है और हम उम्मीद करते हैं की CCTV लगाने के और भी घोटाले अब खुलेंगे।"