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Simla Agreement: शिमला समझौता क्यों हुआ था, इसके निलंबित होने का भारत और पाकिस्तान पर क्या होगा असर?

Simla Agreement: शिमला समझौता भारत-पाक युद्ध के बाद बना शांति और संवाद का आधार था। पाकिस्तान ने इसे निलंबित कर दिया है, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो सकते हैं। पाकिस्तान अब कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण भी कर सकता है। आइए जानते हैं शिमला समझौते का पूरा इतिहास और इसके निलंबित का असर।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Apr 24, 2025 पर 7:45 PM
Simla Agreement: शिमला समझौता क्यों हुआ था, इसके निलंबित होने का भारत और पाकिस्तान पर क्या होगा असर?
शिमला समझौते पर भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने 2 जुलाई 1972 को हस्ताक्षर किए थे।

Simla Agreement: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। भारत सरकार ने बुधवार (23 अप्रैल) को पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त फैसले लिए थे। इनमें सिंधु जल संधि स्थगित करना, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करना और अटारी बॉर्डर ट्रांजिट पोस्ट बंद करना शामिल था। अब एक दिन बाद यानी गुरुवार (24 अप्रैल) को पाकिस्तान ने भी बड़ा फैसला लिया। पाकिस्तानी हुकूमत ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को सस्पेंड कर दिया है। इसमें 'शिमला समझौता'भी शामिल है।

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई अन्य कदमों का भी ऐलान किया है। इनमें भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करना, वाघा बॉर्डर को बंद करना और भारत के साथ सभी तरह के व्यापार को निलंबित करना शामिल है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारतीय नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द कर दिए हैं। यह सब उस आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जिसमें भारत ने सीमा पार से जुड़े लिंक पाए है।

शिमला समझौता क्या है?

शिमला समझौता 2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुआ था। यह 1971 के भारत-पाक युद्ध का नतीजा था, जिसमें भारत की निर्णायक जीत हुई और स्वतंत्र बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) बना। इस समझौते पर भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किए थे।

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