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'3 लाख आवारा कुत्तों पर ₹15,000 करोड़ खर्च होंगे, क्या दिल्ली के पास है?': SC के आदेश पर मेनका गांधी और PETA ने उठाए सवाल

Stray Dogs In Delhi-NCR: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रशासन को दिल्ली-एनसीआर के इलाकों से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि आवारा कुत्ते सड़कों पर वापस नहीं लौटें। शीर्ष अदालत राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज होने के संबंध में स्वतः संज्ञान लेकर शुरू किए गए मामले की सुनवाई कर रही थी

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Aug 11, 2025 पर 11:10 PM
'3 लाख आवारा कुत्तों पर ₹15,000 करोड़ खर्च होंगे, क्या दिल्ली के पास है?': SC के आदेश पर मेनका गांधी और PETA ने उठाए सवाल
Stray Dogs In Delhi-NCR: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के खिलाफ अभियान में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है

Stray Dogs In Delhi-NCR: पशु अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आवारा कुत्तों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सोमवार (11 अगस्त) को कड़ी आलोचना की। शीर्ष अदालत ने आवारा कुत्तों की समस्या को बेहद गंभीर करार दिया। अदालत ने दिल्ली सरकार और NCR के सभी नगर निकायों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द उठाने और नसबंदी कराकर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने इस अभियान में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी

इस बीच, मेनका गांधी ने आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखने के शीर्ष अदालत के निर्देश को अव्यावहारिक, वित्तीय लिहाज से अनुपयुक्त और क्षेत्र के पारिस्थितिकी संतुलन के लिए संभावित रूप से हानिकारक करार दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि इस काम की जटिलता इसे अव्यावहारिक बनाती है।

उन्होंने पीटीआई से कहा, "दिल्ली में तीन लाख आवारा कुत्ते हैं। उन सभी को सड़कों से हटाने के लिए आपको 3,000 पाउंड (पालतू जानवरों के लिए शेल्टर होम) बनाने होंगे, जिनमें से प्रत्येक में जल निकासी, पानी, शेड, रसोई और चौकीदार की व्यवस्था हो। इस पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। क्या दिल्ली के पास इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये हैं?"

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़कों से उठाए गए आवारा कुत्तों के लिए खाने की व्यवस्था करने पर हर हफ्ते पांच करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने आगाह किया कि आवारा कुत्तों को हटाने से नयी समस्याएं पैदा हो सकती हैं और इससे जनता में आक्रोश भी फैल सकता है।

मेनका ने फैसले की वैधता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक महीने पहले ही शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ ने इसी मुद्दे पर एक संतुलित फैसला सुनाया था। मेनका ने कहा, "अब एक महीने बाद दो सदस्यीय पीठ दूसरा फैसला देती है, जिसमें कहा गया है कि सबको पकड़ो। कौन-सा फैसला सही है? जाहिर है, पहला वाला, क्योंकि यह पक्षों की सहमति वाला फैसला है।"

उन्होंने कहा, "48 घंटों के भीतर गाजियाबाद और फरीदाबाद से तीन लाख कुत्ते आ जाएंगे, क्योंकि दिल्ली में खाना उपलब्ध है। और जैसे ही आप कुत्तों को हटाएंगे, बंदर सड़क पर आ जाएंगे... मैंने अपने घर में भी ऐसा होते देखा है। 1880 के दशक में पेरिस में, जब कुत्तों और बिल्लियों को हटाया गया, तो शहर चूहों से भर गया था।"

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रशासन को दिल्ली-एनसीआर के इलाकों से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि आवारा कुत्ते सड़कों पर वापस नहीं लौटें। शीर्ष अदालत राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज होने के संबंध में 28 जुलाई को स्वतः संज्ञान लेकर शुरू किए गए मामले की सुनवाई कर रही थी।

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