जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर हुई सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में कई अहम फैसले हुए। इनमें से एक फैसला यह रहा कि नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग (Pakistan High Commission) में डिफेंस, मिलिट्री, नौसेना और वायु सेना के सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है और ऐसा करने के लिए उनके पास एक हफ्ते का समय है। इसके अलावा भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने डिफेंस, नेवी और वायु सेना सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे।
दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के 5 सहायक कर्मचारियों को भी वापस लिया जाएगा।" पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्थिति का जायजा लेने और सरकार की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए CCS की बैठक की अध्यक्षता की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में कर्मियों की कुल संख्या में 1 मई, 2025 तक और कटौती करके उसे वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा।
पाकिस्तानियों को 48 घंटे के अंदर छोड़ना होगा भारत
भारत ने सभी पाकिस्तानियों के वीजा भी रद्द कर दिए हैं। पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अब इजाजत नहीं होगी। इस वीजा पर भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ना होगा। विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि भारत उन लोगों की तलाश में लगातार डटा रहेगा, जिन्होंने आतंकवादी हमले किए हैं या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है। CCS ने फैसला किया है कि पहलगाम हमले के हमलावरों को न्याय के शिकंजे में लाया जाएगा।
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी फैसला किया है। यह भी फैसला हुआ है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद बंद नहीं करता, तब तक तत्काल प्रभाव से सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी।
बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल एवं वरिष्ठ नौकरशाह मौजूद थे। शाह ने प्रधानमंत्री को हमले के बारे में जानकारी दी तथा इस घटना के बाद उठाए गए कदमों पर चर्चा की।