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UP lynching case: 'हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया'; राहुल गांधी ने हरिओम के परिवार से की मुलाकात, लगाए गंभीर आरोप

UP lynching case: राहुल गांधी ने कहा कि मैं हरिओम वाल्मीकि के परिवार और देश के हर शोषित, वंचित और कमजोर नागरिक के साथ मजबूती से खड़ा हूं। यह लड़ाई सिर्फ़ हरिओम के लिए नहीं, बल्कि हर उस आवाज के लिए है जो अन्याय के सामने झुकने से इनकार करती है

अपडेटेड Oct 17, 2025 पर 12:56 PM
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UP lynching case: राहुल गांधी ने कहा कि हरिओम वाल्मीकि की नृशंस हत्या ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है

UP lynching case: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी रायबरेली में भीड़ के हमले में मारे गए दलित हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिलने के लिए शुक्रवार (17 अक्टूबर) को फतेहपुर जिले में उसके पैतृक आवास पर पहुंचे। गांधी ने वाल्मीकि परिवार के साथ मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए X पर कहा, "हरिओम वाल्मीकि की नृशंस हत्या ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। उनके परिवार की आंखों में दर्द के साथ एक सवाल था - क्या इस देश में दलित होना अब भी जानलेवा गुनाह है?"

इसी पोस्ट में गांधी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में प्रशासन पीड़ित परिवार को डराने में जुटा है। उन्होंने परिवार को मुझसे मिलने से रोकने की कोशिश भी की। यह व्यवस्था की वही विफलता है - जो हर बार गुनहगारों की ढाल बनकर पीड़ित को ही कठघरे में खड़ा कर देती है।" लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने पोस्‍ट में लिखा, "न्याय को नजरबंद नहीं किया जा सकता। भाजपा सरकार को चाहिए कि पीड़ित परिवार पर दबाव खत्म करे और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाए।"

राहुल गांधी ने कहा, "मैं हरिओम वाल्मीकि के परिवार और देश के हर शोषित, वंचित और कमजोर नागरिक के साथ मजबूती से खड़ा हूं। यह लड़ाई सिर्फ़ हरिओम के लिए नहीं - हर उस आवाज के लिए है जो अन्याय के सामने झुकने से इनकार करती है।" कांग्रेस नेता का विशेष विमान दिल्ली से चकेरी एयरपोर्ट पर पहुंचा और यहां से वह सड़क के रास्ते करीब 80 किलोमीटर का सफर तय करके फतेहपुर पहुंचे। वहां उन्होंने मृतक वाल्मीकि के परिवार वालों से मुलाकात की।


उनके दौरे से पहले, सरकार ने हरिओम की बहन कुसुम को फतेहपुर मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की संविदा नौकरी के लिए ऑफर लेटर जारी किया। राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार के साथ करीब 25 मिनट बिताए। इस दौरान उन्होंने हरिओम के पिता गंगादीन, भाई शिवम और बहन कुसुम से बात की। उनके प्रति उन्होंने संवेदना जताई और पूरा सहयोग देने का वादा किया।

परिवार ने किया था दौरे का विरोध

राहुल के हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिलने पहुंचने से कुछ घंटे पहले, हरिओम के भाई शिवम वाल्मीकि ने कथित तौर पर परिवार के साथ एक वीडियो जारी किया था। इसमें कहा गया कि कांग्रेस नेता को इस दौरे का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद के लिए नहीं करना चाहिए। शिवम एक वीडियो में कहते सुने जा सकते हैं, "हम सरकार से खुश हैं और हमें यहां राजनीति की ज़रूरत नहीं है।" कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि यह वीडियो बीजेपी की तरफ से जारी कराया गया।

राहुल गांधी का सरकार पर हमला

राहुल गांधी ने परिवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, “इस सरकार में दलितों पर जुल्म अपने चरम पर है।” उन्होंने NCRB (राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के नए आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि इससे पता चलता है कि दलितों पर जुल्म के मामलों में उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे आगे है। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ गुड्डा ने बताया कि पीड़ित के घर के रास्ते और गली में कथित तौर पर 'दर्द को मत भुनाओ, वापस जाओ' लिखे पोस्टर देखे गए।

इसके पहले उत्तर प्रदेश के मंत्री राकेश सचान और समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने हरिओम के पिता गंगादीन से मुलाकात की और उन्हें 6.62 लाख रुपये के चेक सौंपे। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार की प्राथमिकता "न केवल सहायता प्रदान करना, बल्कि न्याय सुनिश्चित करना" है।

पीड़ित परिवार ने लखनऊ में 11 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी, जहां योगी ने उन्हें न्याय दिलाने और भरपूर मदद का भरोसा दिया। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी गत सोमवार को परिवार से निजी तौर पर मुलाकात की थी और एकजुटता व्यक्त की थी। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी फतेहपुर में शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की थी।

क्या है पूरा मामला?

रायबरेली जिले के ऊंचाहार क्षेत्र में 40 वर्षीय हरिओम की ड्रोन चोरी के शक में एक और दो अक्टूबर की दरम्यानी रात भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बाद में मारपीट और उसके शव के वीडियो ऑनलाइन सामने आए, जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया।

इस घटना में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर दलितों की रक्षा करने और भीड़ की हिंसा को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था। हमले के बाद, पुलिस ने मामला दर्ज कर अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें मुख्य आरोपी भी शामिल है जिसे 10 अक्टूबर को एक एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया था।

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रायबरेली के पुलिस अधीक्षक ने मामले में कथित लापरवाही के लिए दो सब इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। गांधी के दौरे से पहले उनके विरोध में कुछ पोस्टर में भी लगे देखे गए।

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