Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन भरने का आज यानी शुक्रवार (17 अक्टूबर) को आखिरी दिन है। आरजेडी में शामिल हुए खेसारी लाल यादव छपरा से जबकि बीजेपी की मैथिली ठाकुर अलीनगर से नामांकन दाखिल करेंगी। इस बीच, बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सारण जिले में एक जनसभा और पटना में बुद्धिजीवियों की बैठक को संबोधित करेंगे। अपने दौरे की शुरुआत में सबसे पहले अमित शाह ने शुक्रवार सुबह बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई।
बीजेपी नेताओं के अनुसार, अमित शाह ने गुरुवार रात पटना में वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। बीजेपी के एक नेता ने कहा, "गृह मंत्री दिन में सारण जिले में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) उम्मीदवारों के समर्थन में अमनौर और तरैया विधानसभा क्षेत्रों में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह पटना के ज्ञान भवन में बुद्धिजीवियों की सभा को भी संबोधित करेंगे।"
ऐसा माना जा रहा है कि शाह के इस दौरे का उद्देश्य बिहार विधानसभा चुनाव से पहले NDA की चुनावी तैयारियों को धार देना है। अमित शाह ने बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में दरार की अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा।
शाह ने एक टीवी चैनल से विशेष बातचीत में कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी दल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद करेंगे। उन्होंने दावा किया कि आगामी 14 नवंबर को जब परिणाम आएंगे, तो NDA सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ देगा।
गृह मंत्री ने कहा, "मैं यह तय करने वाला नहीं हूं कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं। फिलहाल हम उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव के बाद सभी सहयोगी दल बैठकर अपने नेता का चयन करेंगे।"
शाह ने यह भी खुलासा किया कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद स्वयं नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया था कि भाजपा के अधिक सीट आने के कारण मुख्यमंत्री उसी दल से होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "लेकिन हमने हमेशा अपने गठबंधन का सम्मान किया और नीतीश कुमार को उनकी वरिष्ठता और सम्मान के आधार पर मुख्यमंत्री बनाया।"
सीट बंटवारे को लेकर कई दिन की बातचीत के बाद मुकेश सहनी की अगुवाई वाली विकासशील इंसान पार्टी (VIP) गुरुवार को 'महागठबंधन' से लगभग अलग हो गई थी। लेकिन शीर्ष नेताओं के हस्तक्षेप के बाद उसे रोक लिया गया। सूत्र ने बताया कि सहनी 'महागठबंधन' में उचित स्थान न दिए जाने से नाराज थे। उन्होंने लगभग नाता तोड़ लिया था। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिन में VIP और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।
सूत्र ने बताया कि सहनी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य से संपर्क किया। भट्टाचार्य ने इसके बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से इस मुद्दे पर संपर्क किया और इस बात पर जोर दिया कि वीआईपी को समायोजित किया जाना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने इस मामले पर राजद के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा की और सहनी से भी बात की। उन्होंने कहा कि इस हस्तक्षेप के बाद वीआईपी प्रमुख ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर 'महागठबंधन' में बने रहने की प्रतिबद्धता जताई।
'महागठबंधन' में तकरार जारी
पत्र में वीआईपी प्रमुख ने कहा कि उन्हें निश्चित संख्या में सीट दिए जाने का आश्वासन दिया गया था, जो पूरा नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि संख्या मायने नहीं रखती, क्योंकि वे विचारधारा के कारण गठबंधन का हिस्सा हैं और सांप्रदायिक तथा विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ना चाहते हैं।
सहनी बिहार में निषाद समुदाय के नेता हैं, जो राज्य की आबादी का लगभग 2.5 प्रतिशत है। आज बिहार में पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। लेकिन 'महागठबंधन' में आखिरकार कौन कितनी सीटें लड़ेगा इसपर कोई स्पष्टता नहीं है। जब नामांकन हो रहा है तब पता चलता है कि यहां से ये पार्टी लड़ रही है। हालांकि, कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है।