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Bareilly Violence: यूपी के बरेली में 3 दिनों से इंटरनेट बंद! व्यापार, बैंकिंग और हेल्थ सेवाएं प्रभावित, करोड़ों का हुआ नुकसान

Bareilly Violence: बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद अलग-अलग इलाकों में I love Muhammad लिखे पोस्टर बैनर लेकर मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे थे। बाद में मामले में मौलाना तौकीर रजा समेत कई लोगों को इस उपद्रव के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। उसी के बाद से शहर में इंटरनेट बंद है

अपडेटेड Sep 29, 2025 पर 5:48 PM
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Bareilly Violence: बरेली के स्थानीय लोगों के अनुसार, सोमवार को भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं

Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले तीन दिनों से इंटरनेट सेवाओं के बंद होने से व्यावसायिक गतिविधियों के अलावा बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। बरेली में शुक्रवार (जुमे) दोपहर की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद शासन स्तर से एहतियातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। जुमे की नमाज के बाद अलग-अलग इलाकों में I love Muhammad लिखे पोस्टर बैनर लेकर मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे थे। बाद में मामले में मौलाना तौकीर रजा समेत कई लोगों को इस उपद्रव के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।

यूपी के गृह विभाग ने 27 सितंबर को एक आदेश जारी कर सभी मोबाइल सेवा कंपनियों के SMS मैसेज के साथ-साथ मोबाइल इंटरनेट/डेटा सेवा और ब्रॉडबैंड सेवाओं (एफटीटीएच, एडीएसएल, डीएसएल, या वायरलेस) को प्रतिबंधित कर दिया था। यहां के व्यापारियों का अनुमान है कि इंटरनेट बंद होने से कई सौ करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। खुदरा विक्रेताओं से लेकर थोक विक्रेताओं तक की गतिविधियां लगभग ठप हो गई हैं। शॉपिंग मॉल में ग्राहकों की संख्या में भी भारी कमी आई है।

स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, जो लोग पहले इंटरनेट कनेक्टिविटी के महत्व को कम आंकते थे, अब उन्हें दैनिक कार्यों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का एहसास हो गया है। बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से बाधित होने एवं ATM बंद होने के कारण ग्राहक तात्कालिक लेन-देन भी नहीं हो कर पा रहे हैं। एचडीएफसी क्लस्टर प्रमुख अरविंद शर्मा ने पीटीआई को बताया कि पहले व्यापारी और बुजुर्ग लोग अपने घरों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से लेन-देन कर पाते थे। लेकिन अब यह संभव नहीं है।

उन्होंने पुष्टि की है कि बैंकिंग सिस्टम प्रभावित हुई है। उपभोक्ताओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोयल ने कहा, "बड़े व्यवसायी पड़ोसी जिलों के माध्यम से लेन-देन कर रहे हैं, लेकिन छोटे व्यापारी और उपभोक्ता इस व्यवधान का खामियाजा भुगत रहे हैं।"

केमिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष दुर्गेश खटवानी ने कहा कि दवाओं का थोक व्यापार ठप हो गया है। कैलाश चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष संजीव पांडेय ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों को इंटरनेट पर निर्भरता के कारण इलाज कराने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

बरेली में रेडीमेड गारमेंट्स के प्रमुख व्यापारी नरेंद्र गुप्ता ने कहा, "यह पहली बार है जब हमें इंटरनेट कनेक्टिविटी के महत्व का सही मायने में एहसास हुआ है।" उन्होंने कहा कि व्यावसायिक प्रतिष्ठान 'तीन दिनों से वीरान' हैं और शॉपिंग मॉल भी प्रभावित हुए हैं।


फुटवियर के थोक विक्रेता मीरान रियासत ने बताया कि आसपास के जिलों के व्यापारियों ने खरीदारी के लिए बरेली आना बंद कर दिया है। इंटरनेट बंद होने के कारण खरीदारों को बिल नहीं मिल पा रहा है। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती कल्पना सिंह की बेटी नीलू सिंह ने बताया कि उन्हें अपनी मां को अस्पताल से छुट्टी दिलाने के लिए एक लाख रुपये देने हैं। लेकिन इंटरनेट सेवा बाधित होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रही हैं।

उन्होंने बताया कि भुगतान नहीं कर पाने से मां (कल्पना) को अस्पताल से छुट्टी मिलने में देरी हो रही है। छोटे उपभोक्ता भी बारकोड का इस्तेमाल करके भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, जिससे नियमित लेन-देन प्रभावित हो रहा है। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैनामा भी प्रभावित हुआ है।

तौकीर रजा का करीबी गिरफ्तार

बरेली पुलिस ने सोमवार को इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद के अध्यक्ष तौकीर रजा के एक करीबी सहयोगी को हिरासत में ले लिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि "आई लव मोहम्मद" अभियान के दौरान शुक्रवार को भड़की हिंसा के सिलसिले में नदीम नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने पीटीआई को बताया कि नदीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह घटना अचानक नहीं घटी, बल्कि पूर्व नियोजित थी।

अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच से पता चला है कि नदीम ने कथित तौर पर इन घटनाओं की योजना बनाई। उसने व्हाट्सएप के ज़रिए 55 चुनिंदा लोगों को कॉल किया। उन लोगों ने फिर लगभग 1,600 लोगों की भीड़ जुटाई। अधिकारी ने आगे कहा, "हिंसा के पीछे की साजिश कथित तौर पर CAA (नागरिकता संशोधन कानून) और NRC (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) विरोधी प्रदर्शनों की तर्ज पर रची गई थी, जिसमें नाबालिगों को भीड़ में सबसे आगे रखने की योजना थी"

उन्होंने कहा कि नदीम और उसके साथी कथित तौर पर खलील स्कूल चौराहे और श्यामगंज इलाके सहित प्रमुख स्थानों पर अशांति भड़काने के लिए सक्रिय थे। पुलिस अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि नदीम ने शुक्रवार की नमाज के बाद खान द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन के बारे में शुरू में अधिकारियों को गुमराहकिया था। गुरुवार रात, वह कथित तौर पर अपने साथियों नफीस और लियाकत के साथ पुलिस के पास गया और उन्हें आश्वासन दिया कि शुक्रवार को कोई प्रदर्शन नहीं होगा।

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हालांकि, एक अधिकारी ने बताया कि उस रात उसने पुलिस को जो पत्र सौंपा था, वह बाद में जाली पाया गया। मामले में मौलाना तौकीर रजा समेत कई लोगों को इस उपद्रव के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, हिंसा भड़काने, दंगा करने, पथराव करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसे अपराधों से संबंधित धाराओं के तहत मौलाना तौकीर रजा समेत 180 नामजद और 2,500 अज्ञात दंगाइयों के खिलाफ 10 FIR दर्ज की गई हैं।

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