SIR: बंगाल के नदिया में BLO का शव मिला, परिवार ने काम को लेकर तनाव का लगाया आरोप

अधिकारी ने कहा, ‘‘परिवार का दावा है कि एसआईआर संबंधी काम के बोझ के कारण वह काफी दबाव में थीं। हमें उनके कमरे से एक नोट मिला है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। आवश्यक जांच जारी है।’’ उन्होंने बताया कि तरफदार, विवेकानंद विद्यामंदिर में पैरा-शिक्षक थीं और वह छपरा-दो पंचायत में बूथ संख्या 201 के लिए बीएलओ के रूप में कार्यरत थीं

अपडेटेड Nov 22, 2025 पर 8:30 PM
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SIR: बंगाल के नदिया में बीएलओ का शव मिला, परिवार ने काम को लेकर तनाव का लगाया आरोप

पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) के रूप में कार्यरत एक महिला शनिवार सुबह अपने घर में मृत मिली। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, उसके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि वह वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) संबंधी काम के कारण काफी तनाव में थी और इसी कारण उसने आत्महत्या की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने BLO की मौत पर दुख जताया और कहा कि यह अब ‘असल में चिंताजनक’ हो गया है।

बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, "एक और BLO, एक महिला पैरा-शिक्षक की मौत की खबर सुनकर गहरा सदमा लगा है, जिसने आज कृष्णानगर में आत्महत्या कर ली। AC 82 छपरा के भाग संख्या 201 की बीएलओ श्रीमती रिंकू तरफदार ने आज अपने आवास पर आत्महत्या करने से पहले अपने सुसाइड नोट (प्रतिलिपि संलग्न है) में भारत निर्वाचन आयोग को दोषी ठहराया है।"

उन्होंने कहा, "और कितने लोगों की जान जाएगी? इस एसआईआर के लिए और कितने लोगों को मरना होगा? इस प्रक्रिया के लिए हमें और कितने शव देखने होंगे? यह अब सचमुच चिंताजनक हो गया है!!"


न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि 52 साल की रिंकू तरफदार नाम की BLO का शव छपरा के कृष्णानगर स्थित बंगालझी इलाके में उनके घर के कमरे में छत से लटका मिला।

अधिकारी ने कहा, ‘‘परिवार का दावा है कि एसआईआर संबंधी काम के बोझ के कारण वह काफी दबाव में थीं। हमें उनके कमरे से एक नोट मिला है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। आवश्यक जांच जारी है।’’

उन्होंने बताया कि तरफदार, विवेकानंद विद्यामंदिर में पैरा-शिक्षक थीं और वह छपरा-दो पंचायत में बूथ संख्या 201 के लिए बीएलओ के रूप में कार्यरत थीं।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है।

तरफदार ने उनके द्वारा कथित तौर पर लिखे गए नोट में ‘‘इसके लिए निर्वाचन आयोग को जिम्मेदार ठहराया’’।

पुलिस अधिकारी के अनुसार, तरफदार ने यह भी कहा था कि वह किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करती थीं और वह एक सामान्य नागरिक थीं।

उन्होंने सुसाइड नोट में आरोप लगाया, ‘‘मैं जीना चाहती हूं। मेरे परिवार को किसी चीज की कमी नहीं है। लेकिन इस मामूली नौकरी के लिए उन्होंने मुझे इतना अपमानित किया कि मेरे पास मरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।’’

इसमें कहा गया, ‘‘मैं इस अमानवीय कार्यभार को सहन नहीं कर सकती। मैं एक अंशकालिक शिक्षिका हूं और मेरा वेतन मेरे प्रयास की तुलना में बहुत कम है फिर भी वे मुझे कार्यमुक्त नहीं करेंगे। मैंने 95 प्रतिशत ऑफलाइन कार्य पूरा कर लिया था, लेकिन मैं ऑनलाइन कार्यों का प्रबंधन करने में असमर्थ हूं। बीडीओ कार्यालय और पर्यवेक्षक को सूचित करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। मुझे बूथ नंबर 201 के लिए काम सौंपा गया था क्योंकि कोई और उपलब्ध नहीं था, जबकि बाद में कई अन्य लोगों को अन्य बूथों में बीएलओ के रूप में नियुक्त किया गया था।’’

राज्य के मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने मृतका के घर जाकर परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार से पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर प्रक्रिया को रोकने का आग्रह किया है।

उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को बृहस्पतिवार को पत्र लिखकर कहा कि लगातार जारी ‘‘अनियोजित एवं जबरन प्रक्रिया’’ से और अधिक लोगों की जान तथा इस प्रक्रिया की वैधता भी खतरे में पड़ जाएगी।

वरिष्ठ BJP नेता राहुल सिन्हा ने कृष्णानगर में BLO की मौत के संबंध में बनर्जी के दावों को खारिज किया।

उन्होंने तृणमूल नेतृत्व को चुनौती दी कि वे बीएलओ की मौत की सीबीआई जांच की मांग करें ताकि उनके इन आरोपों की पुष्टि हो सके कि एसआईआर से संबंधित कार्यभार इसका कारण है।

PTI के मुताबिक, सिन्हा ने कहा, ‘‘यह बिल्कुल निरर्थक है। अगर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में इतनी हिम्मत है तो उन्हें बीएलओ की मौत की सीबीआई जांच की मांग करनी चाहिए। मैं उन्हें यह कहकर चुनौती दे सकता हूं कि सुसाइड नोट फर्जी है, ठीक वैसा ही जैसा हमें पानीहाटी मामले में मिला था।’’

उन्होंने सवाल किया कि क्या बीएलओ तृणमूल के दबाव में थी।

सिन्हा ने कहा, ‘‘कौन जानता है कि कहीं तृणमूल उनसे मृतकों या फर्जी मतदाताओं के नाम दर्ज करने के लिए तो नहीं कह रही थी और क्या बीएलओ ने उसके दबाव का सामना करने में असमर्थ होकर अपनी जान दे दी।’’

जलपाईगुड़ी जिले में बुधवार को एक बूथ-स्तरीय अधिकारी फंदे से लटकी मिली थी और उसके परिवार ने भी आरोप लगाया था कि ‘‘एसआईआर संबंधी काम के असहनीय दबाव’’ के कारण उसने आत्महत्या की।

इस बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने बीएलओ की मौत के संबंध में नदिया के वरिष्ठ अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी है।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें यह समझने की जरूरत है कि उसकी मौत के पीछे बताया गया कारण सही है या नहीं।’’

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