Independence Day 2025 event at Red Fort: कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं होने से विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे मुद्दा बना लिया है। रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख खड़गे में से कोई भी नेता लाल किले पर शुक्रवार (15 अगस्त) को आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए। दोनों नेताओं ने कांग्रेस मुख्यालय पर झंडा फहराया।
79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। लेकिन स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले पर कांग्रेस के दोनों प्रमुख नेताओं के अनुपस्थित रहने पर विवाद हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। बीजेपी ने इसे प्रधानमंत्री के पद, राष्ट्रीय ध्वज और उससे भी महत्वपूर्ण 'ऑपरेशन सिंदूर' का 'अनादर' करार दिया है।
इस लेकर जारी विवाद के बीच कांग्रेस ने इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी और खड़गे दोनों की राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए तस्वीरें जारी कीं। राहुल गांधी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर तस्वीरों के साथ लिखा, "सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से मिली यह आजादी, एक ऐसे भारत के निर्माण का संकल्प है- जहां सत्य और समानता की नींव पर न्याय हो, और हर दिल में सम्मान और भाईचारा हो। इस अनमोल धरोहर के गौरव और सम्मान की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है। जय हिंद, जय भारत।"
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनेवाला ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "कांग्रेस प्रवक्ता ने अभी-अभी मेरे साथ टीवी पर बहस में पुष्टि की है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी लाल किले पर 15 अगस्त के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। यह एक राष्ट्रीय उत्सव था, लेकिन दुख की बात है कि पाकिस्तान प्रेमी राहुल गांधी मोदी विरोध में देश और सेना विरोध कर रहे हैं! शर्मनाक व्यवहार। क्या यही संविधान और सेना का सम्मान है?"
विवाद के बीच कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर राहुल गांधी और खड़गे की तस्वीरें जारी कीं। इन तस्वीरों में वे नई दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में कांग्रेस मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते नजर आ रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया हो या उनसे दूरी बनाए रखी हो। इससे पहले देश की मुख्य विपक्षी पार्टी नए संसद भवन के भूमि पूजन और उसके उद्घाटन में शामिल नहीं हुई। निमंत्रण के बावजूद कांग्रेस राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में इस आधार पर शामिल नहीं हुई कि यह बीजेपी का कार्यक्रम था। कांग्रेस ने कहा था कि इसका धार्मिक भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और इमरजेंसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी कांग्रेस को रास नहीं आई है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर ऐसे मौके पर राजनीतिक मुद्दा उठाने का आरोप लगाया है जहां ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। कांग्रेस के अनुसार, यही एक कारण है कि कांग्रेस के शीर्ष नेता ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने का कोई मतलब नहीं समझते जो राजनीतिक हो और राष्ट्रवाद से कम जुड़ा हो। पिछले साल राहुल गांधी लाल किले के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, लेकिन पीछे बैठाने को लेकर एक बड़ा विवाद बन गया था।