सर्दियों में नहाने को लेकर कई लोग उलझन में रहते हैं। कुछ हर दिन स्नान करते हैं ताकि शरीर और मन दोनों तरोताजा रहें, जबकि कई लोग ठंडी हवा के डर से कई दिन नहाने से बचते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ठंड में भी नहाना सिर्फ ताजगी के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी जरूरी है? आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. संतोष मौर्य बताते हैं कि स्नान केवल शरीर की सफाई नहीं है, बल्कि ये तन और मन की शुद्धि का एक तरीका भी है। हल्का गर्म पानी और नींबू मिलाकर नहाने से त्वचा रूखी नहीं होती और शरीर पूरे दिन हल्का और ताजगी से भरा रहता है। इसके साथ हल्की तेल से मालिश करना त्वचा को मुलायम बनाए रखता है।
ठंड में नहाना न सिर्फ शरीर को साफ रखता है, बल्कि मानसिक ताजगी, गर्मी और सुरक्षा भी देता है। इसे अपनी सुविधा और स्वास्थ्य अनुसार संतुलित करना चाहिए, ताकि सर्दियों में भी आप स्वस्थ और ऊर्जावान रहें।
मध्य प्रदेश के खरगोन के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. संतोष मौर्य लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि स्नान तन और मन की शुद्धि के लिए जरूरी है। इससे रोम छिद्र खुलते हैं, शरीर हल्का और मानसिक रूप से ताजगी महसूस होती है। ठंड में भी हल्के गर्म पानी से स्नान शरीर का तापमान संतुलित रखता है और ठंड का असर कम करता है।
ठंड में नहाने के बाद त्वचा अक्सर रूखी हो जाती है। इसका कारण ठंडी हवा और पसीने का कम निकलना है। डॉ. मौर्य बताते हैं कि हल्के गर्म पानी में नींबू डालकर नहाने और नहाने से पहले सरसों के तेल से हल्की मालिश करने से त्वचा मुलायम रहती है और बॉडी लोशन की जरूरत भी कम होती है।
डॉ. स्वप्निल श्रीवास्तव (MBBS) के अनुसार, ठंड में भी रोजाना स्नान आवश्यक है। लापरवाही से शरीर पर बैक्टीरिया जम सकते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं, एलर्जी और पेट की बीमारियां बढ़ सकती हैं। अगर व्यक्ति स्वस्थ और तरोताजा महसूस कर रहा है, तो अपनी सुविधा अनुसार नहाना जारी रखा जा सकता है।