लगातार बढ़ती सोने की कीमतों के बीच लोग पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं। शादी हो, त्योहार हो या निवेश का मौका हर कोई चाहता है कि उसकी मेहनत की कमाई असली सोने में ही लगे। लेकिन बाजार में नकली सोना और धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों ने खरीदारों की चिंता बढ़ा दी है। सिर्फ वजन या चमक देखकर सोने को परखना अब पुराना तरीका हो गया है, क्योंकि नकली गहने भी आजकल इतने असली दिखते हैं कि पहचान मुश्किल हो जाती है। ऐसे हालात में सोने की शुद्धता जांचने के सही और भरोसेमंद तरीकों की जानकारी रखना जरूरी है।
सही पहचान न सिर्फ आपके पैसे को सुरक्षित रखेगी, बल्कि ये भी सुनिश्चित करेगी कि आपका निवेश लंबे समय तक टिके। सोना खरीदने से पहले कुछ संकेत और प्रमाणित जांच आपके फैसले को सही दिशा दे सकते हैं।
कई लोग सोने की चमक देखकर ही ये मान लेते हैं कि ये असली होगा। लेकिन ये सबसे बड़ी गलती है। नकली सोना भी उतनी ही चमक के साथ आता है, जिससे लोग धोखा खा जाते हैं। सोने की जांच हमेशा प्रमाणित तरीकों से ही करनी चाहिए।
भारत सरकार ने जून 2021 से सोने की ज्वैलरी पर बीआईएस हॉलमार्किंग (BIS Hallmark) अनिवार्य कर दी है। यह भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का गुणवत्ता प्रमाणपत्र है जो सोने की शुद्धता तय करता है। असली हॉलमार्किंग में त्रिकोण का निशान होता है और सोने की शुद्धता लिखी रहती है:
375 हॉलमार्क = 37.5% शुद्ध सोना
585 हॉलमार्क = 58.5% शुद्ध सोना
750 हॉलमार्क = 75.0% शुद्ध सोना
916 हॉलमार्क = 91.6% शुद्ध सोना
990 या 999 हॉलमार्क = 99.0 से 99.9% शुद्ध सोना
अगर सोने में यह निशान नहीं है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
सोने की शुद्धता कैरेट (Carat) से भी मापी जाती है।
अगर आप ज्वैलर के पास नहीं जा सकते, तो कुछ घरेलू तरीकों से सोने की जांच की जा सकती है। जैसे सोने को खुरचकर देखना, मैगनेट से जांचना या सिरके से परखना। हालांकि ये पूरी तरह भरोसेमंद नहीं होते। बेहतर होगा कि आप हमेशा हॉलमार्क और कैरेट पर ही भरोसा करें।
धोखाधड़ी से बचने के स्मार्ट तरीके
आज के डिजिटल दौर में कई मोबाइल ऐप और ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध हैं, जो सोने की शुद्धता की जानकारी देते हैं। इसके अलावा, हमेशा भरोसेमंद ज्वैलर से ही खरीदारी करें और बिल जरूर लें। ये आपके निवेश की सुरक्षा का मजबूत प्रमाण होता है।