भारत में ज्यादातर लोग मानते हैं कि गर्म पानी से कपड़े धोना हमेशा सही और फायदेमंद होता है। ये सोच पूरी तरह गलत नहीं है, क्योंकि गर्म पानी कपड़ों को गहराई से साफ करता है और कीटाणुओं को खत्म करने में मदद करता है। लेकिन ये सच हर कपड़े के लिए लागू नहीं होता। कुछ फैब्रिक ऐसे होते हैं जो गर्म पानी की वजह से जल्दी खराब हो जाते हैं, उनका रंग फीका पड़ने लगता है और कपड़े सिकुड़ भी सकते हैं। यही कारण है कि ये जानना जरूरी हो जाता है कि किस स्थिति में गर्म पानी सही है और कब ये नुकसान पहुंचा सकता है।
अगर सही चुनाव किया जाए तो कपड़े लंबे समय तक टिक सकते हैं और उनकी चमक भी बनी रहती है। इसलिए कपड़ों के लिए पानी के सही तापमान का चयन सिर्फ सफाई के लिए नहीं, बल्कि उनकी देखभाल के लिए भी बेहद जरूरी है।
क्यों माना जाता है गर्म पानी को बेहतर?
गर्म पानी बैक्टीरिया और कीटाणुओं को खत्म करने में मदद करता है, जिससे बेडशीट, तौलिये और बच्चों के कपड़े पूरी तरह साफ हो जाते हैं। साथ ही, तेल, पसीने और ग्रीस जैसे जिद्दी दाग भी आसानी से निकल जाते हैं। डिटर्जेंट भी गर्म पानी में ज्यादा असरदार हो जाता है और कपड़े ज्यादा चमकदार दिखते हैं।
कब बन सकता है यह नुकसानदायक?
गर्म पानी कपड़ों के रेशों को कमजोर कर सकता है, खासकर सूती, ऊनी और रेशमी कपड़ों में। इसका असर ये होता है कि कपड़े जल्दी खराब होने लगते हैं, रंग फीका पड़ सकता है और सिकुड़न भी आ सकती है। साथ ही, पानी को गर्म करने के लिए ज्यादा बिजली या गैस की जरूरत पड़ती है, जिससे खर्च बढ़ जाता है।
किन कपड़ों के लिए सही है गर्म पानी?
वर्कआउट कपड़े, टॉवेल, बेडशीट और ज्यादा गंदे या तैलीय दाग वाले कपड़े गर्म पानी में धोना सही रहता है। वहीं, सफेद या हल्के रंग के कपड़े भी इसमें ज्यादा साफ होते हैं।
कब अपनाना चाहिए ठंडा या गुनगुना पानी?
रंगीन कपड़े, नाजुक फैब्रिक जैसे सिल्क, ऊन और पॉलिएस्टर को ठंडे या गुनगुने पानी में धोना बेहतर है। इससे कपड़ों का रंग और बनावट सुरक्षित रहती है और ऊर्जा की भी बचत होती है।
गर्म पानी से सफाई जरूर बेहतर मिलती है, लेकिन हर कपड़े के लिए यह सही नहीं। हमेशा कपड़ों के लेबल पर दिए निर्देश देखें और उसी के अनुसार पानी का तापमान चुनें। सही तरीका अपनाकर आप कपड़ों को भी बचा सकते हैं और अपना खर्च भी कम रख सकते हैं।