हरा धनिया हर भारतीय रसोई की शान है। न केवल ये खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसकी खुशबू भी खाने की लालसा जगाती है। अक्सर लोग बाजार से खरीदते हैं, लेकिन वो जल्दी सूख जाता है या महंगा पड़ता है। ऐसे में घर पर ही गमले या बाल्टी में धनिया उगाना सबसे आसान और किफायती तरीका है। सिर्फ कुछ सरल स्टेप्स, हल्की मिट्टी, पानी और रोज थोड़ी धूप की देखभाल से आप ताजा धनिया हमेशा तैयार रख सकते हैं। ये न केवल आपकी रसोई में ताजगी लाता है, बल्कि किचन गार्डन की शुरुआत करने का मजा भी देता है।
अब आप अपनी पसंदीदा सब्जियों और चटनियों में हमेशा ताजा धनिये का इस्तेमाल कर सकते हैं, बिना किसी खर्च और झंझट के। छोटे से प्रयास में हर दिन हरे धनिये की ताजगी और खुशबू का आनंद लें।
सही बीज और मिट्टी का चुनाव
धनिया उगाने के लिए सबसे पहले बीज का सही चुनाव करें। साबुत धनिया के बीज हल्के दबाकर फाड़ें, ताकि अंकुरण आसान हो। गहरी बाल्टी की जगह चौड़ी मुंह वाली पुरानी बाल्टी पर्याप्त है। बाल्टी के निचले हिस्से में पानी निकलने के लिए छोटे छेद कर दें। मिट्टी के लिए बगीचे की सामान्य मिट्टी, गोबर की खाद और रेत को बराबर मात्रा में मिलाएं। ये मिश्रण पौधे की बढ़त और स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।
धूप और पानी का ध्यान रखें
बीजों को मिट्टी की ऊपरी सतह पर फैलाएं और हल्की परत से ढक दें। ध्यान रहे कि बीज बहुत पास-पास न हों। मिट्टी को हल्का गीला रखें, स्प्रे बोतल का इस्तेमाल करें ताकि बीज हिलें नहीं। बाल्टी को ऐसे स्थान पर रखें जहां रोज 4-5 घंटे की हल्की धूप मिले। पौधों को ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं। जब पौधे 3-4 इंच ऊंचे हो जाएं, तो जैविक तरल खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट का पानी दें।
2-3 हफ्तों में ताजा धनिया
सही देखभाल करने पर 2-3 हफ्तों में धनिये की पतियां 6-8 इंच लंबी हो जाती हैं। इन्हें काटकर सब्जियों या चटनी में इस्तेमाल किया जा सकता है। नियमित देखभाल से घर पर उगाया धनिया बाजार के धनिये से ताजा और खुशबूदार होता है।
घर पर उगाए धनिये से न केवल ताजगी मिलती है, बल्कि पैसे की भी बचत होती है। रोजाना ताजा धनिया इस्तेमाल करने का ये तरीका आपकी रसोई को और भी सेहतमंद बनाता है।