मिर्च के पौधे के लिए हल्की, भुरभुरी मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। आप मिट्टी में गोबर की खाद, कंपोस्ट और थोड़ी रेत मिलाकर पौधे के लिए उपयुक्त मिश्रण तैयार कर सकते हैं।
मीडियम आकार के गमले चुनें जिनमें नीचे पानी निकलने के लिए ड्रेनेज होल हो। मिट्टी को गमले में भरकर हल्का गीला करें ताकि बीजों के अंकुरण में आसानी हो।
आप बाजार से नया पौधा खरीद सकते हैं या रसोई में रखी मिर्च से बीज निकाल कर इस्तेमाल कर सकते हैं। बीजों को 2-3 इंच गहराई में डालें और ऊपर हल्का मिट्टी का आवरण दें।
बीज बोने के बाद मिट्टी को हल्का गीला रखें, लेकिन अधिक पानी से बचें क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं। गर्मी में सुबह या शाम को पानी दें और ठंडे मौसम में जरूरत के अनुसार पानी दें।
हरी मिर्च के पौधे को रोजाना कम से कम 5-6 घंटे धूप मिलनी चाहिए। गर्मी में तेज दोपहर की धूप से पौधे को बचाएं, और सर्दियों में धूप पूरी दे।
पौधे की बढ़त के लिए गोबर की खाद, कंपोस्ट या वर्मीकम्पोस्ट हर 15-20 दिन में दें। सर्दियों में मस्टर्ड फर्टिलाइजर का उपयोग भी किया जा सकता है।
धीरे-धीरे मिट्टी की गुड़ाई करते रहें ताकि जड़ों को ऑक्सीजन मिलती रहे। पौधे के आसपास झाड़-फूंक कर उसे स्वस्थ रखें।
मानसून के समय नीम तेल का छिड़काव करें ताकि कीट और फफूंदी से पौधा सुरक्षित रहे। पत्ती पर धब्बे या पाउडरी मिल्ड्यू लगे तो समय पर उपचार करें।
लगभग 30-40 दिनों में फूल खिलने लगते हैं और 60-90 दिनों के भीतर हरी मिर्च तोड़ी जा सकती है। पौधे 3-4 महीने तक फल देते रहते हैं।
पौधे को बहुत गहराई में न लगाएं, जड़ों को नुकसान न पहुंचाएं, और गमले में अधिक पौधे न लगाएं। सही देखभाल और नियमित सिंचाई से ही अच्छी उपज मिलती है।
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