हम सभी चाहते हैं कि हमारी त्वचा और बाल हमेशा स्वस्थ, चमकदार और खूबसूरत रहें। इसके लिए हम बाजार में मिलने वाले तमाम ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार हम बिना जाने-बूझे ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर लेते हैं, जो दिखने में तो काम के लगते हैं, लेकिन वास्तव में हमारी स्किन और हेयर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। डर्माटोलॉजिस्ट्स के अनुसार कुछ कॉमन ब्यूटी प्रोडक्ट्स हैं, जिन्हें घर से तुरंत हटाना चाहिए। ये प्रोडक्ट्स त्वचा की नेचुरल बैरियर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, बालों को झड़ने, रूखापन और फ्रिजी होने जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
इसके अलावा, गंदगी, बैक्टीरिया और कैमिकल्स के कारण स्किन एलर्जी, इरिटेशन और ब्रेकआउट जैसी परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। सही जानकारी और सतर्कता अपनाकर आप अपनी त्वचा और बालों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।
लूफा अक्सर बॉडी स्क्रब के लिए इस्तेमाल होता है। लेकिन ये गीले माहौल में बैक्टीरिया और फंगस के पनपने का आदर्श स्थान बन जाता है। इसके लगातार इस्तेमाल से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है। साथ ही, इसकी खुरदरी सतह त्वचा को ज्यादा एक्सफोलिएट कर देती है, जिससे रूखापन, जलन और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पुरानी प्लास्टिक कंघी बालों के लिए हानिकारक होती है। ये बालों के क्यूटिकल्स को नुकसान पहुंचाती है, जिससे बाल फ्रिजी और बेजान हो जाते हैं। नुकीली दांतों की वजह से स्कैल्प में खुजली, इरिटेशन और पिंपल्स भी हो सकते हैं। इसके बजाय लकड़ी की चौड़ी दांत वाली कंघी या एंटी-स्टेटिक ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए।
ब्लैकहेड हटाने के लिए नोज स्ट्रिप्स अस्थायी राहत देती हैं, लेकिन ये त्वचा की ऊपरी लेयर को जबरदस्ती खींच लेती हैं। इससे स्किन बैरियर कमजोर हो जाता है और रूखापन, रेडनेस जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं।
मेकअप वाइप्स तुरंत सुविधाजनक लगते हैं, लेकिन इनमें मौजूद अल्कोहल और केमिकल्स त्वचा के नेचुरल पीएच बैलेंस को बिगाड़ सकते हैं। ये गंदगी और मेकअप को पूरी तरह से नहीं हटाते, जिससे पोर्स ब्लॉक होते हैं और ब्रेकआउट की संभावना बढ़ जाती है।
बाल झड़ने की समस्या के लिए एंटी-हेयरफॉल शैम्पू केवल बाहरी सफाई करते हैं। बालों का झड़ना अक्सर अंदरूनी कारणों जैसे हार्मोन इम्बैलेंस, तनाव, नींद की कमी या पोषण की कमी की वजह से होता है। शैम्पू इसे रोक नहीं सकता, केवल सही जीवनशैली और पोषण ही समाधान है।