Credit Cards

समोसा और जलेबी में कितनी होती है कैलोरी? जान कर दंग रह जाएंगे, हेल्थ को पहुंचाते हैं ये नुकसान

Samosa and Jalebi : जलेबी की तरह ही समोसा भी स्वाद में तो शानदार है, लेकिन सेहत के लिहाज़ से यह भी कोई बेहतर विकल्प नहीं है बल्कि कई मामलों में ज़्यादा नुकसानदायक हो सकता है। 100 ग्राम समोसे में लगभग 362 कैलोरी होती हैं। इसमें तला हुआ तेल, मसालेदार आलू और मैदा होता है

अपडेटेड Jul 14, 2025 पर 10:00 PM
Story continues below Advertisement
सिगरेट इतने खतरनाक समोसे, जलेबी जैसे फ्राइड और मीठे फूड

भारत में जब भी आपको स्ट्रीट फूड खाने के मन करता होगा तो आपके दिमाग में सबसे पहले समोसा, जलेबी, पकौड़े ही नाम आता होगा। समोसा और जलेबी के स्वाद के लिए लोग न जाने कहां-कहां चले जाते हैं। मगर, स्वाद प्रेमियों को ये खबर झटका दे सकती है। दरअसल, भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत अब लड्डू, वड़ा पाव, पकौड़ा, समोसा, जलेबी जैसी चीजों पर "ऑयल और शुगर" की चेतावनी वाले बॉर्ड लगाए जाएंगे। क्योंकि भारत के ये पसंदीदा स्नैक्स खाने में जितने भी अच्छे लगते हो पर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। आइए जानते हैं समोसा और जलेबी स्वास्थ्य के लिए कितनी खतरनाक हैं।

मिठी नहीं हेल्थ के लिए 'कड़वी' है जलेबी

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि जलेबी और समोसा को आज की “नई सिगरेट” कहा जा सकता है। ये तुलना भले ही ज़रा तीखी लगे, लेकिन इसके पीछे का कारण वाजिब है। डाइट एक्सपर्ट मुक्ता वशिष्ठ बताती हैं कि ये दोनों चीजें “कैलोरी बम” हैं। उदाहरण के लिए, 100 ग्राम जलेबी में लगभग 356 कैलोरी होती हैं और यह ज़्यादातर मैदा, चीनी और तेल से बनती है। वह कहती हैं कि भले ही इसका स्वाद मीठा और मनभावन हो, लेकिन यह शरीर में शुगर का स्तर बढ़ा देती है और वज़न भी तेज़ी से बढ़ा सकती है।


समोसा भी सेहत के लिए खतरा!

जलेबी की तरह ही समोसा भी स्वाद में तो शानदार है, लेकिन सेहत के लिहाज़ से यह भी कोई बेहतर विकल्प नहीं है बल्कि कई मामलों में ज़्यादा नुकसानदायक हो सकता है। 100 ग्राम समोसे में लगभग 362 कैलोरी होती हैं। इसमें तला हुआ तेल, मसालेदार आलू और मैदा होता है। लगातार खाने से न सिर्फ़ फैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ती है, बल्कि कई बार पुराने तेल में तले जाने की वजह से इसमें ट्रांस फैट बनता है , जो दिल की बीमारियों के ख़तरे को बढ़ाता है। सबसे बड़ा खतरा यह है कि अगर जलेबी और समोसे जैसे स्नैक्स को रोज़ खाया जाए तो ये डायबिजिट, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकते हैं।

बचपन में मोटापे को रोकने के लिए सरकार सख़्त

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों में बढ़ते मोटापे और उससे जुड़ी बीमारियों को लेकर चिंता जताई है। जानकारी के मुताबिक़, हाल ही में मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बच्चों की खान-पान की आदतों में बदलाव लाने के निर्देश दिए हैं। सरकारी पोषण ट्रैकर (मई 2025) के आँकड़े बताते हैं कि आंगनवाड़ी केंद्रों में दर्ज पाँच साल से कम उम्र के लगभग 6% बच्चे पहले ही ज़्यादा वज़न या मोटापे से जूझ रहे हैं। यह एक गंभीर संकेत है।

मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि:

  • बच्चों की डाइट में रोज़ 27-30 ग्राम से ज़्यादा तेल न हो
  • वसा (जैसे घी, मक्खन आदि) कुल ऊर्जा का 10% से ज़्यादा न हो
  • और सबसे अहम – ट्रांस फैट से पूरी तरह परहेज किया जाए।
  • ट्रांस फैट आमतौर पर वनस्पति तेल, मार्जरीन, बेकरी आइटम्स और समोसे-जलेबी जैसे स्ट्रीट फूड में पाए जाते हैं।
  • सरकार का कहना है कि अगर अब भी सचेत नहीं हुए, तो बच्चों की सेहत पर लंबे समय तक बुरा असर पड़ सकता है।

सरकार की एडवाइजरी में एक और अहम चेतावनी दी गई है,  बार-बार गर्म किए गए तेल के इस्तेमाल को लेकर। मंत्रालय ने साफ कहा है कि कई दुकानदार और फूड वेंडर एक ही तेल को बार-बार तलने के लिए इस्तेमाल करते हैं, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे तेल में खतरनाक ऑक्सीडेटिव यौगिक बनते हैं, जो हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।