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Karwa Chauth Fast Tips: प्रेग्नेंसी में व्रत करते समय बरतें ये सावधानी, मां और बच्चे दोनों की सेहत रहेगी दुरुस्त

Karwa Chauth Fast Tips: हिंदू धर्म में करवाचौथ के व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। ये व्रत निर्जला होता है, इसलिए गर्भावस्था में इसे करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। आइए जानें कि गर्भावस्था के दौरान क्या टिप्स अपनाने से मां और बच्चे की सेहत पर असर नहीं पड़ता है।

अपडेटेड Oct 02, 2025 पर 6:26 PM
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गर्भावस्था के दौरान कई बार महिलाओं को ये व्रत करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

Karwa Chauth 2025 fasting tips for pregnant women: करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाएं सुखी दांपत्य और अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा। यह व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय के बीच निर्जला किया जाता है। यानी इस अवधि में महिलाएं न तो खाती हैं और न कुछ पी सकती हैं। यही वजह है कि इसे सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान कई बार महिलाओं को ये व्रत करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ये व्रत करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, जिससे न तो उनका व्रत छूटे और न उनकी और उनके बच्चे की सेहत पर कोई बुरा असर पड़े। आइए जानें

10 अक्टूबर को किया जाएगा करवा चौथ व्रत

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे होगी और इसका समापन 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे होगा।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 05.57 बजे से रात 07.11 बजे तक रहेगा।

इस समय होगा चंद्रोदय


करवा चौथ का चांद रात 08.13 बजे नजर आएगा। हालांकि अलग-अलग जगहों पर करवा चौथ का चांद दिखने का समय भी अलग हो सकता है।

व्रत में कर सकती हैं फलाहार या जलाहार

आचार्य आनंद भारद्वाज ने न्यूज 18 को बताया कि व्रत का असली महत्व कठोर नियमों में नहीं, बल्कि मन की श्रद्धा और संकल्प में है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई महिला निर्जला उपवास न करके फलाहार या जलाहार करती है, तो भी माता करवा और चंद्रदेव उसकी भावना और श्रद्धा को स्वीकार करते हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी सावधानियां

निर्जला व्रत न रखें। फल, दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन करें। मेवे और बीजों को आहार में शामिल करें। केले, अनार और पपीते जैसे फाइबर युक्त फल खाएं, जो शरीर को दिनभर तरोताजा रखेंगे। फलों का जूस, दूध और पर्याप्त पानी पीते रहें।

व्रत रखने से पहले गाइनोकोलॉजिस्ट की लें सलाह

गर्भावस्था में पूरा दिन खाली पेट रहना मां और बच्चे, दोनों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। लंबे समय तक निर्जला रहने से शरीर में पानी की कमी और कमजोरी आ सकती है। यही वजह है कि डॉक्टर सलाह देते हैं कि गर्भवती महिलाएं करवाचौथ पर व्रत रखने से पहले अपने गाइनोकॉलजिस्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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