हल्दी के पौधे के लिए आपको एक बड़ा गमला चाहिए जिसकी गहराई 12-15 इंच हो। साथ ही अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी जिसमें कंपोस्ट और कोको पीट मिला हो। इसके अलावा पौधे की कटिंग या तना, पानी और देखभाल जरूरी है।
हल्दी के पौधे के लिए मिट्टी भुरभुरी और अच्छी ड्रेनेज वाली होनी चाहिए। मिट्टी में कंपोस्ट और किचन वेस्ट मिलाकर पोषण बढ़ाएं। छोटी गमलों में पौधा न लगाएं ताकि जड़ें फैल सकें।
पौधे के तने में कलियों वाले हिस्से को गमले में करीब 2 इंच गहराई में लगाएं। मिट्टी को अच्छी तरह से सींचें, लेकिन ज्यादा गीली न करें जिससे जड़ें सड़ सकती हैं।
हल्दी को धूप वाली जगह पसंद है परन्तु सीधी तेज धूप से बचाएं। 21-29 डिग्री तापमान और 6-8 घंटे की रोशनी पर्याप्त होती है, बालकनी इसका सबसे अच्छा विकल्प है।
पौधे को रोजाना हल्का पानी दें, लेकिन मिट्टी को बहुत गीला न होने दें। जरूरत से ज्यादा पानी जड़ सड़ने का कारण बनता है।
8-10 महीने बाद, जब पत्ते पीले या भूरे पड़ने लगें, तब हल्दी की कटाई करें। तने को धीरे-धीरे मिट्टी से बाहर निकालकर साफ करके संग्रहित करें।
हल्दी के पौधे पर कीड़े लगने पर हल्दी पाउडर छिड़कें या नीम की पत्तियों का पानी छिड़काव करें। पत्तियां साफ रखें और प्राकृतिक उपायों से कीट नियंत्रण करें।
पौधे की ग्रोथ के लिए अंडे के छिलके की कुछ मात्रा मिट्टी में डालना लाभकारी होता है। चाय पत्ती छिड़काव भी पौधे को पोषण देता है।
समय-समय पर पौधे की जांच करें, पीले पत्तों को हटाएं और जरूरी खाद नियमित रूप से दें ताकि पौधा स्वस्थ रहे। घर में उगाई गई हल्दी बिना मिलावट और गुणवत्तापूर्ण होती है। यह न सिर्फ खाने में स्वाद बढ़ाती है बल्कि एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भी भरपूर होती है, इसलिए इसे घर पर उगाना फायदेमंद है।