शर्ट आज सिर्फ एक आउटफिट नहीं बल्कि स्टाइल स्टेटमेंट बन चुकी है। पहले जहां इसे सिर्फ पुरुषों के पहनावे से जोड़ा जाता था, वहीं अब ये महिलाओं की वॉर्डरोब में भी बराबर की जगह बना चुकी है। ऑफिस हो, कॉलेज या कैजुअल आउटिंग शर्ट हर मौके के लिए परफेक्ट मानी जाती है। मार्केट में आपको शर्ट के कई डिजाइन, पैटर्न और रंग आसानी से मिल जाते हैं, जिससे ये और भी ट्रेंडी और वर्सेटाइल लगती है। लेकिन इन सब के बीच एक चीज हमेशा खास रहती है – शर्ट पर बना छोटा सा पॉकेट। ये पॉकेट भले ही छोटा हो, लेकिन शर्ट की खूबसूरती और काम के लिहाज से इसकी अहमियत काफी बड़ी होती है।
कई लोग इसे सिर्फ स्टाइलिंग एलिमेंट मानते हैं, तो कई इसके इस्तेमाल से इसे प्रैक्टिकल मानते हैं। यही पॉकेट शर्ट को और भी यूजफुल बनाती है और यही वजह है कि सालों से ये फैशन का हिस्सा बनी हुई है।
शुरू में शर्ट बिना जेब के आती थीं
आज जेब को देखकर भले ही हम इसे फैशन समझते हों, लेकिन असल में इसे सुविधा के लिए बनाया गया था। पहले लोग छोटी-मोटी चीजें जैसे पेन, कागज या डायरी हाथ में लेकर घूमते थे। ये काफी असुविधाजनक था। तभी शर्ट में जेब लगाने का आइडिया आया और धीरे-धीरे ये आम डिजाइन का हिस्सा बन गया।
आखिर क्यों होती है जेब बाईं तरफ?
ये सवाल आपने भी कभी न कभी सोचा होगा। दरअसल, ज्यादातर लोग दाएं हाथ से काम करते हैं यानी वे राइट-हैंडेड होते हैं। ऐसे में बाईं तरफ जेब होना ज्यादा आसान और सुविधाजनक माना गया। दाएं हाथ से जेब में सामान रखना और निकालना आसान हो जाता है।
महिलाओं की शर्ट में क्यों नहीं होती थी जेब?
शुरुआत में जेब केवल पुरुषों की शर्ट में लगाई जाती थी। महिलाओं की शर्ट बिना पॉकेट की ही बनाई जाती थीं। लेकिन समय के साथ फैशन और सोच दोनों बदले। महिलाओं की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उनकी शर्ट में भी बाईं तरफ पॉकेट लगाई जाने लगी।
जैसे-जैसे फैशन मॉडर्न हुआ, शर्ट में जेब की डिजाइन भी बदलने लगी। कुछ शर्ट में दाईं तरफ जेब लगाई जाने लगी और कुछ में दोनों तरफ। ये न सिर्फ सुविधाजनक था बल्कि शर्ट को स्टाइलिश भी बना देता था।
कहा जाता है कि बाईं तरफ जेब होने से शर्ट का लुक ज्यादा बैलेंस्ड और आकर्षक लगता है। यही कारण है कि ये एक ट्रेंड बन गया और आज भी ज्यादातर शर्ट की जेब बाईं ओर ही बनाई जाती है।