Tips and Tricks: बाजार में बिक रहा है जहरीला गुड़! ये 5 तरीके बताएंगे असली और नकली गुड़ का फर्क

Tips and Tricks: सर्दियों में बाजारों में गुड़ की मांग तेजी से बढ़ जाती है। ये न सिर्फ स्वाद बढ़ाता है बल्कि शरीर को गर्म रखकर सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। हालांकि नकली गुड़ भी बाजार में मिल रहा है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है

अपडेटेड Nov 03, 2025 पर 8:46 AM
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Tips and Tricks: असली गुड़ को छूने पर ये हल्का चिपचिपा और थोड़ा खुरदुरा महसूस होता है।

सर्दियों की शुरुआत होते ही देशभर के बाजारों में गुड़ की खुशबू चारों ओर फैलने लगती है। ये सिर्फ स्वाद बढ़ाने का साधन नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। चाय, लड्डू, हलवा और कई पारंपरिक व्यंजनों में गुड़ का इस्तेमाल हर घर में सर्दियों का एक खास हिस्सा बन गया है। पुराने समय से ही इसे ‘प्राकृतिक टॉनिक’ माना जाता रहा है, जो शरीर को अंदर से गर्म रखता है, पाचन को दुरुस्त करता है और खून को शुद्ध करने में मदद करता है। यही कारण है कि ठंड बढ़ने के साथ ही इसकी मांग अचानक बढ़ जाती है।

हालांकि, बढ़ती मांग के साथ-साथ नकली गुड़ का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे गुड़ में चीनी, रंग और रासायनिक तत्व मिलाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए असली और नकली गुड़ की पहचान करना अब बेहद जरूरी हो गया है।

नकली गुड़ का बढ़ता कारोबार


बाजार में आजकल असली गुड़ के साथ-साथ मिलावटी गुड़ की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है। ऐसे गुड़ में चीनी, कृत्रिम रंग और रासायनिक तत्व मिलाए जाते हैं ताकि वो देखने में ज्यादा चमकदार और आकर्षक लगे। लेकिन इस तरह के नकली गुड़ का सेवन शरीर के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। ये पाचन को बिगाड़ने के साथ-साथ लीवर और किडनी पर भी असर डालता है। इसलिए असली और नकली गुड़ की पहचान करना अब बेहद जरूरी हो गया है।

रंग से करें पहचान

असली गुड़ का रंग गहरा भूरा या हल्का सुनहरा होता है। इसका रंग कभी पूरी तरह एक जैसा नहीं होता, क्योंकि ये गन्ने के रस से प्राकृतिक तरीके से तैयार किया जाता है। दूसरी ओर, नकली गुड़ बहुत ज्यादा चमकदार और एक समान रंग का होता है, जो देखने में तो सुंदर लगता है लेकिन इसमें मिलावट के संकेत छिपे होते हैं। अगर गुड़ आपको जरूरत से ज्यादा चमकदार और एकसमान दिखे, तो समझ लें कि उसमें केमिकल या कृत्रिम रंग मिलाया गया है।

पानी में डालकर करें टेस्ट

गुड़ की पहचान का एक आसान घरेलू तरीका है पानी टेस्ट। इसके लिए गुड़ का छोटा टुकड़ा गुनगुने पानी में डालें। अगर वह धीरे-धीरे घुलकर पानी को हल्का भूरा कर दे, तो समझिए गुड़ असली है। वहीं अगर गुड़ डालने के बाद पानी साफ रहे या नीचे सफेद परत जम जाए, तो वो नकली या रासायनिक गुड़ है।

आग के पास करें जांच

गुड़ को जांचने का एक और पुराना तरीका है — “फ्लेम टेस्ट”। एक चम्मच में थोड़ा सा गुड़ लेकर हल्की आग के पास करें। असली गुड़ धीरे-धीरे पिघलता है और उसमें से कोई तीखी गंध नहीं आती। लेकिन नकली गुड़ से काला धुआं और तेज रासायनिक गंध निकलती है, जो मिलावट की निशानी है।

स्पर्श से भी समझें फर्क

असली गुड़ को छूने पर ये हल्का चिपचिपा और थोड़ा खुरदुरा महसूस होता है। इसमें प्राकृतिक नमी रहती है जो इसे नरम बनाती है। वहीं नकली गुड़ बहुत ज्यादा चिकना और चमकदार दिखाई देता है। वो दिखने में सुंदर जरूर होता है, लेकिन अंदर से सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है।

सेहत और स्वाद के लिए असली गुड़ अपनाएं

रोजाना थोड़ा सा असली गुड़ खाना शरीर को ऊर्जा देता है, पाचन बेहतर करता है और खून को साफ रखने में मदद करता है। ये शरीर को अंदर से गर्म रखता है और सर्दी-जुकाम से बचाव में भी कारगर है। इसलिए अगली बार जब बाजार से गुड़ खरीदें, तो सिर्फ मिठास नहीं, उसकी असलियत भी परखें। असली गुड़ चुनने की ये छोटी सी आदत आपके स्वाद और सेहत दोनों की सुरक्षा करेगी।

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