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CG Election 2023: छत्तीसगढ़ के दो आदिवासी गांवों ने किया चुनाव का बहिष्कार, बिजली पानी न मिलने से नाराज ग्रामीण

CG Election 2023: रामपुर विधानसभा क्षेत्र के केराकछार ग्राम पंचायत में आने वाले गांव - सारडीह और बगधारीडांड, में पहाड़ी कोरवा रहते हैं। ये एक विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह (PVTG) हैं, जिन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के रूप में भी जाना जाता है। ये निर्वाचन क्षेत्र वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक ननकी राम कंवर के कब्जे में है

अपडेटेड Oct 12, 2023 पर 9:32 PM
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CG Election 2023: छत्तीसगढ़ के दो आदिवासी गांवों ने किया चुनाव का बहिष्कार

CG Election 2023: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा जिले के दो आदिवासी गांवों के निवासियों ने अपने इलाके में पीने का पानी और बिजली सप्लाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं यहां के लोगों ने अगले महीने होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) का बहिष्कार करने का फैसला किया है। रामपुर विधानसभा क्षेत्र के केराकछार ग्राम पंचायत में आने वाले गांव - सारडीह और बगधारीडांड, में पहाड़ी कोरवा रहते हैं। ये एक विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह (PVTG) हैं, जिन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के रूप में भी जाना जाता है।

ये निर्वाचन क्षेत्र वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक ननकी राम कंवर के कब्जे में है। राज्य में दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण के लिए 7 नवंबर को मतदान होगा और दूसरी चरण के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।

गांवों में मतदान का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए पर्चे लगाए गए हैं, जबकि इसी संदेश के साथ एक बैनर उनके बाहरी इलाकों में लटका दिया गया है।

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पहाड़ी कोरवा समुदाय से आने वाले सारडीह निवासी संतोष ने कहा, "हम लंबे समय से पीने का पानी की सुविधा, बिजली सप्लाई और मोबाइल टावर और दूसरी बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, लेकिन जन प्रतिनिधियों ने कभी हमारी ओर ध्यान नहीं दिया।"

उन्होंने कहा, सारडीह, बगधारीडांड़, खुर्रीभौना और आसपास के गांवों के पहाड़ी कोरवा आज भी जंगल की जमीन में गड्ढा खोदकर निकाला गया पानी पीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि इन गांवों तक पहुंचने के लिए सड़कें नहीं हैं।

संतोष और गांव की कुछ महिलाओं ने मीडिया से कहा, "खोखले वादे अब राजनेताओं के काम नहीं आएंगे। ग्रामीणों ने इस बार मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया है, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है।"

हाथी-मानव संघर्ष के खतरे से भी जूझ रहे गांव

कोरबा शहर से लगभग 20 Km दूर जंगल वाले इलाके में स्थित ग्राम पंचायत केराकछार के गांवों में पहाड़ी कोरवाओं के लगभग 150 परिवार रहते हैं। ये गांव हाथी-मानव संघर्ष के खतरे से भी जूझ रहे हैं।

गांवों के बाहर निवासियों की तरफ से लगाए गए एक बैनर में लिखा है, "सारडीह और बगधारीडांड में मतदान का बहिष्कार किया गया है, क्योंकि गांवों को बिजली नहीं मिली है।"

इस बारे में पूछे जाने पर कोरबा जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विश्वदीप ने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी मिली है और वह और दूसरे अधिकारी ग्रामीणों की तरफ से उठाए गए मुद्दों को समझने के लिए गांवों का दौरा करेंगे।

उन्होंने कहा, "हम ग्रामीणों को बहिष्कार का आह्वान वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे और उनसे चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह करेंगे।"

IAS अधिकारी विश्वदीप जिले में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के नोडल अधिकारी भी हैं। भारत निर्वाचन आयोग (CEC) ने कहा था कि राज्य में पांच PVTG- अभुजमारिया, कमार, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर और बैगा से संबंधित मतदाताओं के नामांकन के लिए एक गहन अभियान चलाया गया था।

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