Chhattisgarh Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 64 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनांदगांव सीट से फिर से उम्मीदवार बनाया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 21 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी थी। इनमें से अधिकांश पंचायत निकायों के प्रतिनिधि हैं, जो दर्शाता है कि पार्टी पुराने चेहरों की जगह दूसरे स्तर के नेताओं के साथ चुनावी लड़ाई के लिए कमर कस रही है। BJP राज्य में पुराने और नए चेहरों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश में भी जुटी हुई है।
आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी की 64 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में पार्टी को कांग्रेस पर बढ़त मिलती दिख रही है, जो कई मौजूदा विधायकों को हटाने पर विचार कर रही है। दूसरी लिस्ट में वे पुराने नेता भी शामिल हैं जिन्होंने रमन सिंह की सरकार के 15 वर्षों तक शासन किया था। यहां तक कि जो लोग 2018 के चुनाव में अपनी सीटें हार गए थे, उनमें से भी कई लोगों को टिकट दिया गया है।
माना जा रहा था कि पिछले चुनाव में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जमीन पर काम नहीं किया, क्योंकि मंत्रियों और उनके आचरण से उनमें असंतोष की भावना थी। उन्हीं मंत्रियों को फिर से चुनाव लड़ने का मौका देना एक ऐसी रणनीति है जिसे बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए समझना मुश्किल हो रहा है। पहले माना जा रहा था कि पार्टी पूर्व मंत्रियों को टिकट नहीं देगी। इसके लिए तर्क यह था कि मंत्री जनता के बीच अलोकप्रिय हो गए हैं।
व्यापक रूप से माना जाता है कि इन मंत्रियों के आचरण ने 2018 में बीजेपी सरकार से मोहभंग की भावना को बढ़ा दिया था। यह 2018 के चुनावों के परिणामों के रूप में प्रकट हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे बड़ा जनादेश हासिल किया था। बीजेपी की लिस्ट में 43 नए चेहरे हैं। उनमें से कुछ वास्तव में जमीन पर भी मजबूत हैं। लेकिन, पुराने दिग्गजों को टिकट देने से बीजेपी के लिए धारणा का खेल गड़बड़ा गया है।
BJP की ओर से जारी ताजा लिस्ट के मुताबिक, पार्टी ने एक केंद्रीय मंत्री सहित 3 सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारा है। सरगुजा से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत सीट से, रायगढ़ की सांसद गोमती साय को पत्थलगांव से और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर से सांसद अरुण साव को लोरमी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव को कुनकुरी से टिकट दिया है। पूर्व IAS अधिकारी ओपी चौधरी को रायगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है। चंद्रपुर विधानसभा सीट से पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव के परिवार की सदस्य संयोगिता सिंह जूदेव को उम्मीदवार बनाया है।
पार्टी ने किसी एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 एवं 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व में 15 साल तक राज्य की सत्ता पर काबिज रही BJP को 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।
सत्ता विरोधी लहर के अलावा, भ्रष्टाचार के आरोप, पार्टी संगठन और उसके नेतृत्व वाली सरकार के बीच समन्वय की कमी और अन्य पिछड़ा वर्ग द्वारा कांग्रेस के पक्ष में मतदान करना पांच साल पहले उसकी हार के कुछ प्रमुख कारणों में से एक माना गया था। साल 2018 के चुनाव में बीजेपी ने संख्या के आधार पर प्रभावशाली अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के साहू समुदाय से आने वाले 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन उनमें से 13 को हार का सामना करना पड़ा था।