दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखें का ऐलान जल्दी ही हो सकता है। चुनाव आयोग (EC) ने बुधवार सुबह यहां मध्य दिल्ली में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। राजधानी की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भी चुनाव की तैयारी में जुटी है और पार्टी ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने इस बार कुल 21 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है, इसमें तीन नाम ऐसे शामिल हैं, जिन्होंने खुद से ही चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। वो नाम हैं- शाहदरा विधायक राम निवास गोयल, जो विधानसभा अध्यक्ष हैं, तिमारपुर विधायक दिलीप पांडे और महरौली विधायक नरेश यादव।
दिल्ली की 70 विधानसभा में चार सीटें ऐसी हैं, जहां आम आदमी पार्टी एकतरफा चुनाव जीतती आई है। इन चार सीटों पर हार-जीत का अंतर भी काफी ज्यादा रहा है। आइए जानते हैं उन चारों सीटों के बारे में...
मटिया महल विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी के परंपरागत रही है। पिछले करीब 10 सालों से इस सीट पर AAP की मजबूत पकड़ है। 2020 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के शोएब इकबाल ने यहां से 50,241 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। इकबाल को 75.96% वोट मिले।
उत्तरी दिल्ली की सबसे हॉट सीट में से एक बुराड़ी विधानसभा 2013 से आम आदमी पार्टी का गढ़ है। पिछले चुनाव में यहां से पार्टी के प्रवक्ता संजीव झा को 139598 वोट मिले थे। इससे पहले 2013 और 2015 में भी झा ने यहां से बड़े अंतर से चुनाव जीता था। 2020 विधानसभा चुनाव में 88,158 वोट के अंतर से जीत हासिल की।
ओखला विधानसभा पर 2015 से AAP नेता अमानतुल्लाह खान लगातार जीतते आ रहे हैं। खान आम आदमी पार्टी के बड़े अल्पसंख्यक नेता हैं। 2015 में उन्हें 104271, तो 2020 विधानसभा चुनाव में 130367 वोट मिले। अमानतुल्लाह खान ने पिछले चुनाव में यहां से 71,827 वोटों के अंतर से जीत हासिल की और उन्हें 66.03% पड़े।
2013 से सीमापुरी सीट पर आम आदमी पार्टी का दबदबा है। तब यहां से सबसे पहले AAP के धर्मेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2015 और 2020 चुनाव में राजेंद्र पाल गौतम विजयी हुए थे। पिछल चुनाव में राजेंद्र गौतम को 88392 वोट मिले थी, जबकि 2015 में उन्हें 79777 वोट मिले।