Delhi Election 2025: दिल्ली में मंदिरों को तोड़ने का आदेश किसने दिया है? सीएम आतिशी के आरोपों पर एलजी का आया जवाब

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि कई हिंदू तथा बौद्ध धार्मिक मंदिरों को ढहाने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर एक समिति द्वारा आदेश जारी किया गया था। हालांकि, एलजी ऑफिस ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे 'ओछी राजनीति' करार दिया है

अपडेटेड Jan 01, 2025 पर 7:18 PM
Story continues below Advertisement
Delhi Election 2025: सीएम आतिशी ने दिल्ली एलजी पर राजधानी में 'मंदिरों को ध्वस्त करने' का आदेश देने का आरोप लगाया

Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार (1 जनवरी) को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ अपना आरोप दोहराते हुए कहा कि उनकी मंजूरी पर धार्मिक समिति राष्ट्रीय राजधानी में कई मंदिरों को ध्वस्त कर देगी। आतिशी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में कई मंदिरों और बौद्ध धर्म के मंदिरों को तोड़ने का प्लान तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक रिलिजियस कमेटी बनाई गई थी। यह कमेटी मंदिरों की अगर शिफ्टिंग होती है या उसमें होने वाली तोड़फोड़ पर फैसला लेती है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बनाई गई थी। जो दिल्ली सरकार के नहीं, गृह मंत्रालय के अधीन आती है।

सीएम ने दावा किया कि पिछले साल तक यह रिलिजियस कमेटी कोई भी फैसला लेती थी तो दिल्ली के गृहमंत्री को इसकी रिपोर्ट दी जाती थी। उनकी अनुमति के बाद ही उस पर काम होता था। उन्होंने कहा कि पिछले साल ही दिल्ली के एलजी ने यह फरमान जारी किया था कि मंदिरों में तोड़फोड़ का मुद्दा लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा हुआ है। इसलिए, यह दिल्ली सरकार के अधीन नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन आता है। राजेश कमेटी की अध्यक्षता दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी करते हैं। प्रिंसिपल सेक्रेटरी की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। अब जो भी फैसला लिया जाता है, वह सीधे एलजी को भेजा जाता है।

कहां है मंदिर?


आतिशी ने आरोप लगाया कि कल जब हमने चिट्ठी लिखी तब एलजी साहब के ऑफिस से कहा गया कि ऐसा कोई फैसला मंदिर तोड़ने का नहीं लिया गया। जबकि, 22 नवंबर को रिलीजियस कमेटी की बैठक हुई है और उसमें कई मंदिर तोड़ने का फैसला लिया गया है। सीएम के मुताबिक वेस्ट पटेल नगर, गोकलपुरी, सीमापुरी, गोकुलपुरी, न्यू उस्मान पुर, एक हनुमान जी की मूर्ति जो अंबेडकर पार्क सुल्तानपुरी में है और बौद्ध धर्म का धार्मिक स्थान जो सुंदरनगरी में है, इसे तोड़ने का फैसला लिया गया है।

सीएम ने X पर एक पोस्ट में लिखा, "भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली में कई मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने जा रहे हैं। पहले 'Religious Committee' चुनी हुई सरकार के अधीन आती थी। पिछले साल LG साहब के आदेश के बाद यह सीधा LG साहब के अधीन आती है। 22 नवंबर को Religious Committee ने कई मंदिरों को तोड़ने का फैसला लिया।"

उन्होंने आगे लिखा, "एक तरफ अरविंद केजरीवाल जी पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना ला रहे हैं, दूसरी तरफ भाजपा मंदिरों को तोड़ने पर तुली है। मेरा भाजपा की केंद्र सरकार से अपील है: ये धार्मिक स्थल लोगों की आस्था से जुड़े हैं; इन्हें तोड़ कर लाखों लोगों की आस्था को ठेस न पहुंचाए।"

आतिशी ने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी है जो हर मंदिर के पुजारी को, हर गुरुद्वारे के ग्रंथी को 18,000 रुपए सम्मान राशि देने की घोषणा कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी है जो मंदिरों को, हनुमान जी की मूर्ति को तोड़ने की तैयारी कर रही है। किसी भी मंदिर को, किसी भी धार्मिक स्थल को, किसी भी बौद्ध धर्म के धार्मिक स्थल को और हनुमान जी की मूर्ति को तोड़ा ना जाए, क्योंकि लोगों की आस्था इनसे जुड़ी हुई है, जिनको काफी ज्यादा ठेस पहुंचेगी।

एजली का जवाब

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे 'ओछी राजनीति' करार दिया है। उपराज्यपाल सचिवालय ने एक बयान में कहा कि न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च या कोई अन्य उपासना स्थल ढहाया जा रहा है। और न ही इस संबंध में कोई फाइल उसके पास आई है। उपराज्यपाल सक्सेना को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि 'धार्मिक समिति' ने 22 नवंबर को एक बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में धार्मिक संरचनाओं को ढहाने का आदेश दिया है। उपराज्यपाल सचिवालय ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री स्वयं से और अपने पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल की नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए ओछी राजनीति कर रही हैं।

इस बीच दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को X पर लिखा, "एक तरफ पुजारियों और ग्रंथियों को सम्मान राशि दिए जाने का बीजेपी पुरजोर विरोध कर रही है और दूसरी ओर मंदिरों को तोड़ने की तैयारी कर रही है। लोग इसे लेकर बेहद नाराज हैं।" भारतीय जनता पार्टी ने मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये सैलरी देने के अरविंद केजरीवाल के चुनाव पूर्व वादे को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधते हुए उन्हें 'बगुला भगत' करार दिया।

ये भी पढ़ें- Cold Wave Alert: इस सप्ताह इन राज्यों में होगी बारिश और बर्फबारी, IMD ने दी ठंड बढ़ने की चेतावनी

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jan 01, 2025 7:13 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।