'मुसलमानों के गाल पर तमाचा है': AIMIM ने इमामों का उठाया मुद्दा, केजरीवाल से की मौलानाओं की रुकी सैलरी देने की मांग

Delhi Elections 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली में फिर से सत्ता में आती है, तो मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये मासिक भत्ता देने के लिए 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' शुरू की जाएगी। इस ऐलान के बाद अब दिल्ली के इमाम और मौलाना भी अपनी रुकी हुई सैलरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं

अपडेटेड Dec 31, 2024 पर 2:14 PM
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Delhi Elections 2025: दिल्ली के मौलानाओं का आरोप है कि उनकी सैलरी पिछले 17 महीने से रुकी हुई है

Delhi Elections 2025: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली मस्जिदों के इमाम और मौलाना अपनी रुकी हुई सैलरी को लेकर कई दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को AAP प्रमुख के घर पहुंचे मौलानाओं ने कहा कि उनकी सैलरी पिछले 17 महीने से रुकी हुई है, जिसके कारण उन्हें गंभीर आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौलानाओं ने कहा कि उन्होंने पहले भी दो बार अरविंद केजरीवाल से मिलने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। AIMIM दिल्ली के चीफ शोएब जमई दिल्ली के इमामों की सैलरी के मुद्दे पर बड़ा प्रदर्शन करने वाले हैं।

बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की थी कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली में फिर से सत्ता में आती है, तो मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा। इस पर विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। वहीं, मौलाना शोएब जमई ने मंगलवार को केजरीवाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया।

'मुसलमानों के गाल पर तमाचा है'


शोएब जमई ने पत्रकारों से कहा कि AAP प्रमुख केजरीवाल ने गुरुद्वारे के ग्रंथी और मंदिर के पुजारियों के लिए 18,000 रुपये की सैलरी देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन जब दिल्ली के सभी इमाम पिछले 17 महीनों से बिना सैलरी के काम कर रहे हैं और वे इसका विरोध कर रहे हैं, तो केजरीवाल इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने केजरीवाल के ताजा ऐलान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह मुसलमानों के चेहरे पर जोरदार तमाचा है।

इंडिया टुडे के मुताबिक, शोएब जमई ने कहा, "बहुत शर्मनाक है और मुसलमानों के गाल पर एक तमाचा है। दिल्ली के अंदर जो मुसलमानों के तथाकथित मसीहा कहलाते थे, आज वो मुसलमानों के मसाइल पर बात करने वाले इमामों के डेलिगेशन से नहीं मिलते। उनके बारे में आपने आश्वासन तक नहीं दिया। उसके उटल आप दूसरे मजहबों के लिए ऐलान कर रहे हैं। दूसरी तरफ मुसलमानों के मुद्दों पर चुप हैं।"

AIMIM ने आगे कहा, "अरविंद केजरीवाल ने बहुत शर्मनाक काम किया है। दिल्ली की अवाम बेहद नाराज है। दिल्ली के इमामों को महीनों से सैलरी नहीं मिली है। हम इसके विरोध में बड़ा प्रदर्शन करने वाले हैं। अरविंद केजरीवाल के आवास का घेराव किया जाएगा। एंटी मुस्लिम नीति के खिलाफ हम विरोध करते हैं। मस्जिद के इमामों के दुख-दर्द के साथ खड़े हैं।"

मौलानाओं ने क्या कहा?

मौलाना साजिद रशीदी ने सोमवार को आईएएनएस से कहा, "आज हम तीसरी बार अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर आए हैं। पहले हमें बताया गया था कि शनिवार को हमें मुलाकात का समय दिया जाएगा। लेकिन जब हम शनिवार को पहुंचे, तब भी मुलाकात नहीं हो पाई। अब हम यह प्रण लेकर आए हैं कि अगर हमारी मुलाकात नहीं हुई, तो हम यहीं पर धरने पर बैठ जाएंगे और तब तक नहीं उठेंगे जब तक हमारी तनख्वाह नहीं मिल जाती।"

वहीं, चांदनी चौक मस्जिद के इमाम मौलाना महफूज रहमान ने कहा कि वे अपनी समस्याएं लेकर अरविंद केजरीवाल के घर पर आए हैं। उन्होंने कहा, "हमारी तनख्वाह जो पिछले 17 महीने से रुकी हुई है, वह अब हमें चाहिए। हमारी तनख्वाह समय पर नहीं मिलती है, तो हमें गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है। हम चाहते हैं कि हमारी तनख्वाह जल्द से जल्द जारी की जाए।"

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राबिया बेगम बाजार सीता राम दिल्ली मस्जिद के मौलाना गय्यूर हसन ने भी चिंता जताते हुए कहा, "हमारी 17 महीने की तनख्वाह रुकी हुई है और इसके कारण हम मानसिक और आर्थिक दोनों ही रूप से परेशान हैं। हम पहले भी कई बार यहां आ चुके हैं, लेकिन हमारी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से नहीं हो पाई।"

Akhilesh

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First Published: Dec 31, 2024 2:03 PM

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