चुनाव आयोग (EC) ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) को उसके सोशल मीडिया हैंडल पर प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी (show cause notice) किया। EC ने उसे 16 नवंबर तक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप का जवाब देने को कहा। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को नोटिस जारी किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं, जो दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है।
बीजेपी ने 10 नवंबर को चुनाव आयोग से संपर्क किया था। इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर "बेहद अस्वीकार्य" और "अनैतिक" वीडियो क्लिप और टिप्पणियां पोस्ट करने के लिए AAP के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के खिलाफ 'अपमानजनक टिप्पणी' का आरोप लगाया।
AAP ने पिछले बुधवार को 'X' पर उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधान मंत्री मोदी की एक वीडियो स्टोरी पोस्ट की थी। अगले दिन पार्टी ने अडानी और मोदी की तस्वीर पोस्ट की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री लोगों के लिए नहीं बल्कि उद्योगपति के लिए काम करते हैं।
BJP के इन नेताओं ने की शिकायत
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी और पार्टी नेता ओम पाठक समेत बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर चुनाव पैनल से संपर्क किया।
पुरी ने चुनाव आयोग से शिकायत के बाद मीडिया से कहा, "अपने आधिकारिक हैंडल से, AAP ने एक वीडियो और दो ट्वीट पोस्ट किए हैं, जिसमें उन्होंने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार के प्रमुख के बारे में बहुत अस्वीकार्य, निंदनीय, शरारती और अनैतिक बातें कही हैं।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इन पोस्ट में कहा जा रहा है कि एक लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए नेता, जो प्रधानमंत्री भी होता है, किसी व्यक्ति का वेतनभोगी कर्मचारी है।" उन्होंने कहा कि आप का ये कृत्य राजनीति में एक नया निचला स्तर है।
AAP को अपने नोटिस में, चुनाव आयोग ने कहा, "आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को एक दूसरे राष्ट्रीय स्टार प्रचारक के खिलाफ कथित सोशल मीडिया पोस्ट में दिए गए बयानों/आरोपों/कथनों पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।"
इसमें अरविंद केजरीवाल से कहा गया कि वे इसमें बताएं कि उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए कोई कार्रवाई क्यों न की जाए।