Haryana Election 2024: कंगना रनौत का 3 कृषि कानूनों पर यूटर्न! वीडियो जारी कर जताया खेद, कांग्रेस ने बयान को बनाया हथियार

Haryana Election 2024: हरियाणा चुनाव के लिए कंगना रनौत ने कहा था कि जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है। किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए

अपडेटेड Sep 25, 2024 पर 12:31 PM
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Haryana Election 2024: कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों पर दिए अपने बयान को वापस ले लिया है

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच तीन कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को लेकर दिए बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयान से भारतीय जनता पार्टी मुश्किल में पड़ गई है। कांग्रेस ने कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत की एक कथित टिप्पणी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में निरस्त किए गए तीन कानूनों को वापस लाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि हरियाणा इसका करारा जवाब देगा। बवाल बढ़ता देख हिमाचल प्रदेश के मंडी से BJP सांसद कंगना रनोट अब अपने बयान पर बैकफुट पर आ गई हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी कर खेद जताते हुए अपना बयान वापस लिया है।

बीजेपी सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने बुधवार (25 सितंबर) को कहा, "पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे किसान कानून पर कुछ सवाल पूछे। मैंने सुझाव दिया कि किसानों को पीएम नरेंद्र मोदी से किसान कानून वापस लाने का अनुरोध करना चाहिए। मेरे बयान से कई लोग निराश और हताश हैं। जब किसान कानून प्रस्तावित किया गया था, तो हममें से कई लोगों ने इसका समर्थन किया था लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया। और हम सभी कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है कि हम उनके शब्दों की गरिमा का सम्मान करें।"

अभिनेत्री से राजनेता बनीं कंगना ने आगे कहा, "मुझे भी यह ध्यान रखना है। मैं कोई कलाकार नहीं हूं। मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं। मेरी राय मेरी अपनी होने के बजाय पार्टी का रुख होनी चाहिए। इसलिए अगर मैं किसी को अपने शब्दों और अपनी सोच से निराश करती हूं, तो मुझे खेद होगा और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।"


कांग्रेस प्रमुख ने बोला हमला

कांग्रेस ने कंगना रनौत की एक कथित टिप्पणी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में निरस्त किए गए तीन कानूनों को वापस लाने का प्रयास कर रही है और हरियाणा इसका करारा जवाब देगा। कांग्रेस ने X पर रनौत का एक बिना तारीख वाला वीडियो शेयर किया। इसमें वह कथित तौर पर हिंदी में कह रही हैं, "जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है। किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे।"

कांग्रेस ने वीडियो के साथ एक पोस्ट में कहा, "किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानून वापस लाए जाएं: यह बात BJP सांसद कंगना रनौत ने कही है। देश के 750 से अधिक किसान शहीद हो गए, तब जाकर मोदी सरकार जागी और ये काले कानून वापस लिए गए।" कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब BJP सांसद इन कानूनों को वापस लाने की योजना बना रहे हैं।

खड़गे ने भी बोला हमला

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कंगना रनौत की एक टिप्प्णी को लेकर बुधवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी की रग-रग में किसान विरोधी नफ़रती मानसिकता बसी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के खिलाफ है।

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कंगना ने मंगलवार को कहा था, "कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है। किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे। बीजेपी ने उनके बयान से दूरी बनाते हुए कहा है कि यह उनकी निजी राय है।

खड़गे ने X पर पोस्ट किया, "750 किसानों की शहादत के बाद भी किसान विरोधी BJP और मोदी सरकार को अपने घोर अपराध का अहसास नहीं हुआ। किसान-विरोधी तीन काले क़ानूनों को फिर से लागू करने की बात की जा रही है। कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है। "

उन्होंने कहा कि किसानों को गाड़ी के नीचे कुचलवाने वाली मोदी सरकार ने हमारे अन्नदाता के लिए कँटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीलें और बंदूक़ें... सबका इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि ये सब कुछ भारत के 62 करोड़ किसान कभी भूल नहीं पाएंगे।

कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि इस बार हरियाणा समेत सभी चुनावी राज्यों से खुद प्रधानमंत्री की संसद में किसानों के लिए "आंदोलनजीवी" और "परजीवी" जैसी अपमानजनक टिप्पणी किए जाने का करारा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा, "मोदी जी की बयानबाजी के चलते उनके मंत्रियों और सांसदों एवं दुष्प्रचार तंत्र को किसानों का अपमान करने की आदत हो गई है।"

बता दें कि किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था। किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था। संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Sep 25, 2024 12:25 PM

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