हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में आजाद समाज पार्टी (ASP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है, लेकिन विश्वास जताया है कि उनका गठबंधन पर्याप्त सीट जीतकर नतीजों के बाद एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगा। हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव में JJP ने 90 विधानसभा सीट में से 10, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 40 और कांग्रेस ने 31 सीट जीती थीं। JJP ने ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाते हुए, चुनाव के बाद BJP के साथ गठबंधन किया था।
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पौते 36 साल के चौटाला का अनुमान है कि विधानसभा चुनाव में कोई भी पार्टी 40 सीट का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी।
'कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती'
पूर्व उपमुख्यमंत्री चौटाला ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती और संभावना है कि कोई भी 40 सीट का आंकड़ा पार न कर पाए।
उन्होंने कहा, "हमारा गठबंधन पर्याप्त संख्या में सीट जीतेगा और एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या वह त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में किसी दूसरे दल का समर्थन करेंगे, चौटाला ने कहा, "किसी के पीछे क्यों जाना? कोई हमारे पीछे क्यों नहीं आ सकता? कोई भी ऐसा अच्छा गठबंधन बना सकता है, जिसमें हम नेतृत्व करें... बाकी चीजों पर हम नतीजे आने के बाद टिप्पणी करेंगे।"
उन्होंने कहा, "हमने देखा है कि दिल्ली, झारखंड और बिहार में (मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार (जनता दल-यूनाइटेड) के पास केवल 44 विधायक हैं।"
JJP-ASP गठबंधन ने निर्दलीयों को भी दिया समर्थन
पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली JJP और चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने हाल में हरियाणा चुनाव के लिए अपने गठबंधन की घोषणा की थी।
JJP 69 सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि ASP ने 16 उम्मीदवार उतारे हैं। डबवाली विधानसभा सीट से JJP ने दुष्यंत के भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को मैदान में उतारा है।
JJP-ASP गठबंधन ने रानिया, महम और पुंडरी सीट पर तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया है और दो निर्वाचन क्षेत्रों में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।
JJP-BJP का टूटा था गठबंधन
JJP अक्टूबर 2019 से मार्च 2024 तक पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा थी। मार्च में JJP-BJP गठबंधन तब टूट गया, जब BJP ने खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया। खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं।
चौटाला उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे और कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह से है।
चौटाला ने 2019 में बृजेंद्र की मां प्रेम लता सिंह को 47,000 से ज्यादा वोटों से हराकर यह सीट जीती थी।
सीट बरकरार रखने के प्रति आश्वस्त चौटाला ने अपनी पूर्व सहयोगी बीजेपी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि हरियाणा की जनता पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाना चाहती है।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीट के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा और आठ अक्टूबर को मतों की गिनती होगी।