हरियाणा चुनाव को लेकर कांग्रेस अब तक हुड्डा Vs शैलजा की लड़ाई का समाधान निकल नहीं पाई, इस बीच पार्टी के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी ठोक दी और खुद को हु्ड्डा और शैलजा की तरह CM पद का दावेदार बता डाला। सुरजेवाला ने कहा, "हम तीनों ही मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन ये तो हाईकमान तय करेगा।" ये सारा बखेड़ा सुरजेवाला के बेटे और कैथल से कांग्रेस उम्मीदवार आदित्य सुरजेवाला के एक बयान के बाद शुरू हुआ।
दरअसल आदित्य सुरजेवाला ने सोमवार को कहा, "सबकी आशा होती है कि वह मुख्यमंत्री बने, मेरे पिताजी की भी आशा है, वो अच्छी बात है, लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी आलकमान करेगा। सभी विधायक जानते हैं कि पार्टी आलाकमान ऐसे व्यक्ति को ही मुख्यमंत्री चुनेंगे, जो काम करे और लोगों से जुड़ा हो।"
राजनीति में इतना बयान भी कई बड़ी अटलकलों को जन्म दे देता है और हुआ भी ऐसा ही। इसके अगले दिन मंगलवार को रणदीप सुरजेवाला ने भी कुछ ऐसी ही बात कह दी।
कैथल के सर्राफा बाजार में अपने बेटे के लिए वोट मांगने पहुंचे सुरजेवाला ने कहा कि हम तीनों ही मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन हाईकमान तय करेगा। तीनों से मतलब भूपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा। हम सिर्फ इच्छा जाहिर कर सकते हैं फैसला हाईकमान करेगा।
पत्रकारों से बात करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कैथल के लोग विकास चाहते हैं। इसलिए कांग्रेस में आस्था जताकर अपना समर्थन दे रहे हैं।
'हर व्यक्ति की आकांक्षा है मुख्यमंत्री बनना'
मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "कौन मुख्यमंत्री बनेगा यह हर व्यक्ति की आकांक्षा है। शैलजा भी बनना चाहेंगी, जो मेरी बड़ी बहन हैं। चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी बनना चाहेंगे, हम तीन लोगों के अलावा किसी और साथी का भी यह अधिकार है। यहां प्रजातंत्र है। आखिर में यह निर्णय राहुल गांधी और मल्लिकाअर्जुन खड़गे करते हैं, जो निर्णय वे करेंगे वो हम सबको स्वीकार होगा।"
कुमारी शैलजा को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से 'X' पर बधाई देने के सवाल सुरजेवाला ने कहा कि इन बातों में कोई वजन नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री का मैं उनकी उम्र की वजह से आदर करता हूं, वह पिता समान हैं। लेकिन वह बचकाना बातें कर रहे हैं। कुमारी शैलजा कांग्रेसी में थी, हैं और रहेंगी।
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन उन्हें मालूम नहीं है मनोहर लाल को प्रधानमंत्री कुरुक्षेत्र की रैली तक में लेकर नहीं गए। कहीं इनको देखकर वोट ना टूट जाए। वह अपनी चिंता करें, उन्हें मंत्री पद से न हटा दें, जिस तरह से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया था। हमारे वाला परिवार तो ठीक है।"