Haryana Election: 'हमें उम्मीद है कि उन्हें खेल मंत्री बनाया जाएगा' सुरक्षा और अखाड़ों में वापसी के लिए युवा पहलवानों को विनेश से काफी आस
Haryana Chunav 2024: हालांकि, जनवरी 2023 में फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत शीर्ष पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद चीजें बदल गईं। विरोध प्रदर्शनों के दौरान, जूनियर महिला पहलवानों को कथित रूप से परेशान करने के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग की गई
Haryana Election 2024: अखाड़ों में वापसी के लिए युवा पहलवानों को विनेश से काफी आस
हरियाणा की कई युवा महिला पहलवान, खासकर WFI के पूर्व प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर अपने करियर के बारे में सोच रहीं पहलवान चाहती हैं कि विनेश फोगाट खेल मंत्री बनें, ताकि उन्हें अखाड़ों में वापसी करने में मदद मिले। कुश्ती के अखाड़े एक समय युवा लड़कों और लड़कियों से भरे हुआ करते थे, जिनका एक ही लक्ष्य होता था - बड़ी प्रतियोगिताओं में मेडल जीतना और उसके बाद सरकारी नौकरी पाना।
हालांकि, जनवरी 2023 में फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत शीर्ष पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद चीजें बदल गईं। विरोध प्रदर्शनों के दौरान, जूनियर महिला पहलवानों को कथित रूप से परेशान करने के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग की गई।
इसके बाद से अखाड़ों में युवा महिला पहलवानों के बीच पहलवानी छोड़ने का ट्रेंड बढ़ता देखने को मिल रहा है।
पहलवानों के प्रदर्शन के बाद घर वालों ने अखाड़ों में नहीं आने दिया
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, सोनीपत जिले में युद्धवीर अखाड़े में ट्रेनिंग ले रही एक युवा महिला पहलवान ने कहा, "मैं विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद पांच महीने तक यहां नहीं आई, क्योंकि मेरे माता-पिता ने मुझे ट्रेनिंग जारी रखने की अनुमति नहीं दी थी।"
युद्धवीर अखाड़ा लड़कियों के लिए सबसे बड़ा अखाड़ा है।
पहलवान ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा, "मैंने किसी तरह उन्हें ट्रेनिंग फिर से शुरू करने के लिए मना लिया है, लेकिन अब मेरे पिता मेरे साथ रहते हैं और मेरे आने तक इंतजार करते हैं।"
उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा, "हमें उम्मीद है कि जब विनेश फोगाट चुनाव जीतेंगी, तो उन्हें खेल मंत्री बनाया जाएगा, क्योंकि वह महिला पहलवानों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझती हैं।"
युवा पहलवानों की संख्या में गिरावट आई
रोहतक के मेहर सिंह अखाड़े में ट्रेनिंग के लिए आने वाले युवा पहलवानों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है।
अखाड़े के मालिक मोहित मलिक ने कहा कि 2024 के पेरिस ओलंपिक में फोगाट के प्रदर्शन के बाद वे माता-पिता प्रेरित हुए होंगे, जो अपनी बेटियों को अखाड़ों में भेजने को लेकर संशय में हैं। फोगाट पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल पाने से चूक गई थीं।
उन्होंने कहा, "राज्य में बेरोजगारी है और सरकारी नौकरी पाने का एक तरीका खेल है, ऐसा आम लोगों का मानना है। अखाड़ों के लिए धन भी स्थानीय निवासियों या व्यक्तियों से मिलता है और सरकार का समर्थन बहुत सीमित है।"
विनेश को कई अखाड़ों और पहलवानों का समर्थन
हालांकि, फोगाट मलिक के विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ रही हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि फोगाट को उनके साथ-साथ राज्य के कई पहलवानों और अखाड़ों के ट्रेनर का भी समर्थन हासिल है।
उन्होंने कहा, "हमें अपने बीच से ही किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है, जो विधानसभा में हमारी आवाज बन सके।"
इस बीच, फोगाट ने जोर देकर कहा है कि वह नहीं चाहतीं कि जुलाना को सिर्फ उनके कारण जाना जाए।
जुलाना रोजगार और कुश्ती के लिए जाना जाए
उन्होंने जींद के सिवाहा गांव में जनसभा के दौरान कहा, "लोग कह रहे हैं कि जुलाना अब प्रसिद्ध हो गया है, क्योंकि मैं चुनाव लड़ रही हूं। मैं चाहती हूं कि जुलाना रोजगार और कुश्ती के लिए जाना जाए, न कि विनेश के लिए।"
चरखी दादरी में जन्मीं फोगाट पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। उन्हें महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।