Haryana Election 2024: हरियाणा की सबसे चर्चित विधानसभा क्षेत्र सिरसा में रोचक मुकाबला, गोपाल कांडा के लिए BJP ने छोड़ दी सीट

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में सभी की निगाहें एक बार फिर सिरसा विधानसभा क्षेत्र में होने वाले हाई-प्रोफाइल मुकाबले पर टिकी हैं। 151,000 से अधिक मतदाताओं वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में गोपाल गोयल कांडा (HLP), गोकुल सेतिया (कांग्रेस), पवन शेरपुरा (JJP) और श्याम सुंदर मेहता (AAP) के बीच कड़ा मुकाबला है

अपडेटेड Oct 01, 2024 पर 7:00 AM
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Haryana Chunav 2024: हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होगा। वहीं रिजल्ट 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान तेज हो गया है। राज्य की सबसे लोकप्रिय और चर्चित विधानसभा क्षेत्रों में से एक सिरसा सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। सिरसा से कुल 13 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव आयोगी की तरफ से तीन नामांकन खारिज कर दिए गए हैं। जबकि बीजेपी सहित दो उम्मीदवारों ने अपना आवेदन वापस ले लिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा ने हाल ही में बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि पार्टी नेताओं के निर्देश पर उन्होंने अपना आवेदन वापस लिया। अब सिरसा में हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के प्रमुख गोपाल कांडा, कांग्रेस के गोकुल सेतिया, JJP के पवन शेरपुरा और AAP के श्यामसुंदर मेहता बच गए हैं।

सिरसा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के चुनाव नहीं लड़ने से यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस और गोपाल गोयल कांडा (Gopal Goyal Kanda) की हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के बीच लगभग तय माना जा रहा है। HLP पिछले पांच वर्षों से हरियाणा में बीजेपी की अगुवाई वाली NDA सरकार का समर्थन कर रही है। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सिरसा एकमात्र ऐसी सीट है, जहां सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।

2019 में दर्ज की थी जीत


सिरसा विधानसभा सीट पर पिछली बार 2019 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने बीजेपी पर कांडा को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने का आरोप लगाया है। राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रही इनडियन नेशनल लोक दल (INLD) ने भी इस सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। उसने भी मौजूदा विधायक गोपाल कांडा को अपना समर्थन दिया है। INLD के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने भी निर्वाचन क्षेत्र में कांडा के लिए प्रचार किया।

वहीं, कांग्रेस ने कहा कि हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता इनेलो के समर्थन का दावा करके मतदाताओं को गुमराह कर रहे हैं। जबकि वे खुले तौर पर बीजेपी का समर्थन भी कर रहे हैं। सिरसा से बीजेपी प्रत्याशी रोहताश जांगड़ा ने 16 सितंबर को इस सीट पर से अपना नाम वापस ले लिया। इस कदम को कांडा को मौन समर्थन देकर कांग्रेस विरोधी मतविभाजन से बचने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।

गोकुल सेतिया-कांडा के बीच कांटे की टक्कर! (Gopal Kanda Vs Gokul Setia)

कांग्रेस ने 36 वर्षीय गोकुल सेतिया (Gopal Goyal Kanda Vs Gokul Setia) को चुनावी मैदान में उतारा है। सेतिया ने 2019 विधानसभा चुनाव में कांडा के खिलाफ निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था। उन्हें 602 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। सेतिया ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "BJP ने अभी तक यह नहीं बताया कि उन्होंने अपना उम्मीदवार वापस क्यों लिया। वहीं, गोपाल कांडा अभी तक कहते आए थे कि वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा हैं। अब, इनेलो उन्हें समर्थन दे रही है।"

उन्होंने कहा, "कांडा यहां अपनी हवेली के ऊपर BJP का झंडा फहरा रहे हैं। लोग मूर्ख नहीं हैं। जनता साफ तौर पर देख सकती है कि कौन सी पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं और कौन सी पार्टियों ने पर्दे के पीछे हाथ मिलाया हुआ है।"

विवादों से रहा नाता!

गोपाल कांडा ने 2009 में सिरसा से निर्दलीय चुनाव जीतकर कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था। कांडा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में भी गृह मंत्री रहे थे। लेकिन 2012 में गीतिका शर्मा आत्महत्या (Geetika Sharma suicide case) मामले के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। अक्सर विवादों में रहने वाले गोपाल कांडा को हाल ही में बड़ी राहत देते हुए 2023 में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बरी कर दिया था।

सिरसा में मुख्य मुकाबला कांड की एचएलपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा। जबकि मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।

क्या है मुद्दे?

गोपाल कांडा की राजनीतिक यात्रा विवादों से भरी रही है। गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले के बाद गृह राज्य मंत्री के पद से उनका इस्तीफा और 2023 में उनके बरी होने की घटना के बीच कांडा लगातार चर्चा में बने रहे। चुनावों से पहले कांडा और सेतिया दोनों ही सिरसा में जोरदार प्रचार कर रहे हैं। कांडा ने युवाओं के लिए रोजगार सृजन का वादा करते हुए क्षेत्र में उद्योगों को आकर्षित करने का संकल्प लिया है। वह जनता को कोरोना वायरस महामारी के दौरान किए गए अपने कामों की जानकारी भी दे रहे हैं, जिसमें 150 बेड वाले अस्पताल की तेजी से स्थापना शामिल है।

सिरसा के विकास और इसके लोगों के साथ खड़े होने के लिए कांडा की प्रतिबद्धता उनके अभियान संदेश का केंद्र बिंदु है। इसके विपरीत, सेतिया ने स्थानीय मुद्दों जैसे कि मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल की कमी, स्वच्छ पेयजल तक अपर्याप्त पहुंच और क्षेत्र में व्याप्त नशीली दवाओं की समस्या पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने अन्य दलों पर कांग्रेस की कीमत पर स्वार्थी राजनीति करने का आरोप लगाया है।

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सेतिया के अभियान ने सिरसा में कई लोगों को प्रभावित किया है। उन्होंने दावा किया है कि उनके बढ़ते समर्थन से "महलों में रहने वाले" लोगों में चिंता पैदा हो रही है, जो कि परोक्ष रूप से कांडा की ओर इशारा था।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Oct 01, 2024 7:00 AM

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