JK Election: क्या भाई इंजीनियर राशिद की तरह अपना जादू चला पाएंगे खुर्शीद अहमद? AIP ने लंगेट से दिया टिकट

Jammu Kashmir Election: शेख का मुकाबला पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इरफान पंडितपुरी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के सैयद गुलाम नबी से होगा। NC-कांग्रेस गठबंधन ने इशफाक अहमद को सीट से मैदान में उतारा है, जबकि जमात-ए-इस्लामी नेता गुलाम कादिर लोन के बेटे डॉ. कलीमुल्लाह निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं। लोन जमात के आठ सदस्यीय नेतृत्व पैनल के सदस्य हैं

अपडेटेड Sep 09, 2024 पर 5:05 PM
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JK Election: क्या भाई इंजीनियर राशिद की तरह अपना जादू चला पाएंगे खुर्शीद अहमद?

जेल में बंद लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के छोटे भाई खुर्शीद अहमद शेख आगामी जम्मू-कश्मीर चुनाव में कुपवाड़ा के लंगेट विधानसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक शुरुआत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। शेख का नाम बारामूला से जेल में बंद लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद की बनाई और नेतृत्व वाली अवामी इतिहाद पार्टी (AIP) की ओर से जारी नौ उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल है। शेख उसी सीट से अपनी राजनीतिक शुरुआत करेंगे, जहां से उनके भाई दो बार- 2008 और 2014 में विधायक रहे।

शेख का मुकाबला पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इरफान पंडितपुरी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के सैयद गुलाम नबी से होगा। NC-कांग्रेस गठबंधन ने इशफाक अहमद को सीट से मैदान में उतारा है, जबकि जमात-ए-इस्लामी नेता गुलाम कादिर लोन के बेटे डॉ. कलीमुल्लाह निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं। लोन जमात के आठ सदस्यीय नेतृत्व पैनल के सदस्य हैं।

लंगेट को कभी नेशनल कॉन्फ्रेंस के गढ़ के रूप में देखा जाता था, जिसने इसे 1977 और 1996 के बीच लगातार चार बार बरकरार रखा। 1999 के उपचुनाव में, PDP उम्मीदवार एमएस पंडितपुरी, जो NC से आए थे, ने जीत हासिल की, जबकि 2002 में NC के शरीफ-उद-दीन शारिक ने इसे छीन लिया।


कौन हैं खुर्शीद अहमद शेख?

शेख ने पहले ही निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार शुरू कर दिया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने भाई की जीत के तुरंत बाद सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 2003 से एक सरकारी शिक्षक के रूप में काम किया।

पिछले हफ्ते ही उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया था, जिससे उनके सक्रिय चुनावी राजनीति में आने का रास्ता साफ हो गया था। शेख अपने परिवार से चुनावी मैदान में उतरने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। उनके बड़े बेटे अबरार रशीद ने लोकसभा चुनाव में उनके लिए प्रचार किया था, लेकिन अभी तक औपचारिक रूप से राजनीति में शामिल नहीं हुए हैं।

अपने भाई की जगह पर कदम रखना

शेख की एंट्री के साथ, AIP को उसी सहानुभूति और गुस्से का फायदा उठाने की उम्मीद है, जिसके कारण इस साल लोकसभा चुनाव में पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन जैसे दिग्गजों के खिलाफ राशिद को जीत मिली थी।

रहीद के बेटे अबरार के नेतृत्व में AIP का 'जेल का बदला वोट से' अभियान बारामूला में मतदाताओं के बीच गूंजता रहा, जो अब्दुल्ला परिवार का गढ़ माना जाता है। यह अभियान इतना सफल रहा कि निर्वाचन क्षेत्र ने 40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया, क्योंकि 54 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता वोट देने के लिए निकले।

चुनावी राजनीति में शेख का डेब्यू उनके भाई राशिद की तरह ही है, जिन्होंने एक इंजीनियर के रूप में अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राजनीतिक कदम उठाया।

राशिद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी फंडिंग के आरोप में पांच साल से जेल में है।

AIP पर लगे वंशवाद की राजनीति के आरोप

इस बीच, AIP की ओर से राशिद को टिकट दिए जाने से भी विवाद खड़ा हो गया है और आरोप लगाया गया है कि पार्टी वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। हालांकि, खुर्शीद ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वह किसी भी भूमिका के लिए तैयार हैं, जो पार्टी उनके लिए ठीक समझेगी।

उन्होंने कहा, "मैंने अपनी 15 साल की नौकरी छोड़ दी, यह वंशवादी राजनीति नहीं बल्कि त्याग का उदाहरण है। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसके लिए तैयार हूं।"

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First Published: Sep 09, 2024 4:54 PM

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